कोरोना काल में प्रोत्साहन राशि के लिए तरस रही आशा वर्कर्स
Asha Workers कोरोना काल में अपनी जान को जोखिम में डालकर काम कर रही हैं पूरे प्रदेशभर की आशा वर्कर्स 2020 को जब कोरोना महामारी चरम सीमा पर थी तब भी आशा वर्कर्स ही हैं जो घर घर जाकर सर्वे कर रही थी और आंकड़े जुटा रही थी।
भदरोअा, जेएनएन। कोरोना काल में अपनी जान को जोखिम में डालकर काम कर रही हैं पूरे प्रदेशभर की आशा वर्कर्स 2020 को जब कोरोना जैसी महामारी देश , प्रदेश में चरम सीमा पर थी तब भी आशा वर्कर्स ही हैं जो घर घर जाकर सर्वे कर रही थी और आंकड़े जुटा रही थी। तब से लेकर आज तक आशा वर्कर्स अपनी सेवाएं पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ दे रही हैं। अब भी कोरोना के टीके लगवाने के लिए लोगों को बता रही और कोरोना के टीकाकरण में अपनी सेवाएं दे रही हैं। लोगों की रेजिस्टेशन जैसे काम कर रही हैं।
डेटा ऑनलाइन कर रही हैं, अपना डेटा खर्च कर काम के दिशा निर्देश के अनुसार काम करते हुए भी आशा वर्कर्स को भी प्रोत्साहन राशि मिलती है वह कभी भी समय पर नही मिलती जब काम समय समय पर लिया जाता है तो प्रोत्साहन राशि भी तो समय समय पर मिलनी चाहिए।। सरकार जो भी घोषणा करती हैं उनको समय पर पूरे प्रदेश में लागू भी तो किया जाना चाहिए। ऐसे तो घोषणाएं घोषणा बनकर ही रह जाती हैं हर ब्लॉक में अलग अलग सिस्टम से प्रोत्साहन राशि क्यों दी जाती है जब घोषणा एक सम्मान होती है तो राशि भी सभी ब्लॉक्स में सरकार द्वारा की गई घोषणा के अनुसार ही डालनी चाहिए।।।
पांच से दस तारीख तक मिले प्रोत्साहन राशि व मानदेय
हिमाचल प्रदेश के सभी ब्लॉक्स में हर महीने की पांच से 10 तारीख तक प्रोत्साहन राशि और मानदेय मिल जाना चाहिए। जैसे बाकी के कर्मचारियों का वेतन हर महीने की 10 तारीख से पहले पहले उनके अकॉउंट में पड़ जाती है। वैसे ही आशा वर्कर्स का भी हक़ बनता है कि उनको भी प्रोत्साहन राशि समय अनुसार दी जाए। आशा वर्कर्स गरीबी रेखा से नीचे के परिवार में से चयनित की गई है। जिनमें से बहुत सी आशा वर्कर्स विधवा हैं। जिनकी आय का एकमात्र सहारा यह प्रोत्साहन राशि ही हैं। अगर यह भी समय पर न मिले तो कितनी आर्थिक समस्याओं से होकर गुजरना पड़ता है। सरकार से यही प्रार्थना है कि सभी को एक निर्धारित समय अनुसार प्रोत्साहन राशि दी जाए।
अाशा वर्कर्स के लिए बनाई जाए स्थायी पॉलिसी
कोरोना के चलते हुए आशा वर्कर्स के काम को देखते हुए सरकार आशा वर्कर्स के लिए स्थायी पॉलिसी बनाए राज्य कर्मचारी घोषित करते हुए मासिक न्यूनतम वेतन 18000 की राशि सुनिश्चित करें। जिससे अगर किसी आशा वर्कर्स की कोरोना काल मे ड्यूटी देते हुए अगर मौत हो जाए तो उसके बच्चों को दर-दर की ठोकरें न खाने पड़ रही हैं। उसके लिए सरकार आशा वर्कर्स के आश्रित को नौकरी प्रदान करने की व्यवस्था करें।
यह रहे मौजूद
अाशा वर्कर्स ने बैठक कर समस्याओं पर मथन किया। बैठक में उपस्थित आशा ब्लॉक प्रधान सुमन बाला बाकी कार्यकारिणी के सदस्य कोषाध्यक्ष अंजू बाला, कल्पना, सुरेखा, चांदनी, उर्मिला, राजकुमारी, सुमन लता, सुषमा, नीलम, रानो, मंजू, सोनिया, अनिता, हेमा इत्यादि आशा वर्कर्स उपस्थित रही।