रसद लेकर लेह रवाना हुए सेना के ट्रक, हल्की बर्फबारी के बीच बारालाचा दर्रे से वाहनों की आवाजाही सुचारू
Manali Leh Road मनाली-लेह मार्ग पर शनिवार को आवाजाही शुरू हो गई। सेना की रसद लेकर ट्रकों का काफिला लेह रवाना हुआ। बर्फ से लदे बारालाचा दर्रे की हालत सुधरते ही सेना ने भी पठानकोट से मनाली होते हुए लेह की राह पकड़ ली है।
मनाली, जागरण संवाददाता। Manali Leh Road, मनाली-लेह मार्ग पर शनिवार को आवाजाही शुरू हो गई। सेना की रसद लेकर ट्रकों का काफिला लेह रवाना हुआ। बर्फ से लदे बारालाचा दर्रे की हालत सुधरते ही सेना ने भी पठानकोट से मनाली होते हुए लेह की राह पकड़ ली है। सोमवार को दर्जनों सेना के वाहन रसद लेकर मनाली पहुंचे। सेना का यह काफिला 16 हजार फीट से अधिक ऊंचे बारालाचा दर्रे को पार कर सीमावर्ती क्षेत्र लेह पहुंचेगा। सेना की आवाजाही को देखते हुए लाहुल स्पीति पुलिस सहित बीआरओ भी सतर्क हो गया है।
बारालाचा दर्रे में सेना के वाहनों की आवाजाही को सुचारू रखने को बीआरओ ने पहले ही जिंगजिंगबार व सरचू में अस्थायी कैंप स्थापित कर लिए हैं। हालांकि जोजिला पास होते हुए भी लेह लद्दाख श्रीनगर होते हुए जम्मू से जुड़ गया है। लेकिन उस मार्ग की अपेक्षा मनाली बारलाचा लेह मार्ग अधिक सुरक्षित व सुगम है।
बारलाचा दर्रे के बहाल होते ही व ट्रैफिक सुचारू होते ही सेना ने भी लेह लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों में रसद पहुंचना शुरू कर दिया है। दूसरी ओर बीआरओ शिंकुला दर्रे की बहाली में भी जुट गया है। इस दर्रे के बहाल होते ही मनाली से बाया जांस्कर कारगिल तक पहुंचना आसान हो जाएगा। सेना की रसद के साथ साथ पेट्रोल डीजल व खाद्य सामग्री को लेकर भी हर रोज दर्जनों ट्रक दारचा की ओर से बारलाचा होते हुए लेह रवाना हो रहे हैं।
बीआरओ कमांडर कर्नल उमा शंकर ने बताया कि मनाली लेह मार्ग पर वाहनों की आवाजाही सुचारू रखने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। एसपी लाहुल स्पीति मानव वर्मा ने बताया कि दारचा से सरचू तक पुलिस नजर रखे हुए है। बारलाचा में ट्रैफिक जाम न लगे इसके लिए दर्रे के दोनों ओर से तालमेल बनाकर वाहनों को भेजा जा रहा है।
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