हिमाचल प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों में पीएचडी कर सकेंगे सैन्य अधिकारी, आनलाइन और आफलाइन भी होंगे कोर्स

Himachal Pradesh Private Universities सैन्य अधिकारी और जवान हिमाचल के निजी विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। स्नातकोत्तर डिग्री के साथ पीएचडी भी कर पाएंगे। निजी विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीति जैसे कोर्स भी शुरू होंगे।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 12:28 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 12:28 PM (IST)
हिमाचल प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों में पीएचडी कर सकेंगे सैन्य अधिकारी, आनलाइन और आफलाइन भी होंगे कोर्स
सैन्य अधिकारी और जवान हिमाचल के निजी विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे।

शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal Pradesh Private Universities, सैन्य अधिकारी और जवान हिमाचल के निजी विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। स्नातकोत्तर डिग्री के साथ पीएचडी भी कर पाएंगे। निजी विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीति जैसे कोर्स भी शुरू होंगे। इसके अलावा कई महत्वपूर्ण विषयों पर शोध कार्य भी होगा। मंगलवार को आर्मी ट्रेनिंग कमांड (आरट्रैक) शिमला ने प्रदेश के छह निजी विश्वविद्यालयों के साथ इसको लेकर एमओयू साइन किया। सैन्य अधिकारी और जवान स्टडी लीव लेकर उच्च शिक्षा के लिए जाते हैं। विश्वविद्यालयों में पीएचडी की सीटें काफी कम होती हैं, जिसके कारण वे दूसरे राज्यों का रुख करते हैं। भारतीय सेना में हिमाचल से संबंध रखने वाले हजारों सैन्य अधिकारी और जवान हैं। वे भी अपनी उच्च शिक्षा प्रदेश की बजाय दूसरे राज्यों से करते हैं। अब वे अपने राज्य या घर के नजदीक ही उच्च शिक्षा ले सकेंगे।

हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग की पहल पर यह एमओयू साइन किया गया। आयोग काफी समय से इस पर कार्य कर रहा था। निजी विश्वविद्यालयों के पास शोध करने के लिए लैब, शोधार्थी से लेकर आधारभूत ढांचा मौजूद है। आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) अतुल कौशिक ने बताया कि यह एमओयू सेवारत सैन्य कर्मियों के लिए उच्च शिक्षा और कौशल कार्यक्रम प्रदान करेगा।

इन विश्वविद्यालयों ने साइन किया एमओयू

अतुल कौशिक ने बताया कि शूलिनी विश्वविद्यालय, चितकारा विश्वविद्यालय, महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय, इटरनल  विश्वविद्यालय, करियर प्वाइंट विश्वविद्यालय और जेपी विश्वविद्यालय के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। आर्मी ट्रेनिंग कमांड एआरटीआरएसी के चीफ आफ स्टाफ, लेफ्टिनेंट जनरल जेएस संधू ने सेना की ओर से समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। समारोह में शिक्षा नियामक आयोग के अध्यक्ष मौजूद थे। विश्वविद्यालयों की ओर से समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करने वालों में विशाल आनंद (शूलिनी विश्वविद्यालय), प्रो. वरिंदर एस कंवर (चितकारा विश्वविद्यालय), प्रोफेसर राजेंद्र कुमार शर्मा (जेपी विश्वविद्यालय), डा. दविंदर सिंह (इटरनल विश्वविद्यालय), प्रो. करतार सिंह वर्मा (करियर प्वाइंट विवि) और सुरेश गुप्ता (महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय) शामिल रहे। जनरल संधू ने प्रस्ताव के लिए निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और प्रबंधन का धन्यवाद किया।

आनलाइन और आफलाइन कोर्स भी शुरू होंगे

एमओयू के तहत आन कैंपस और आफ कैंपस यानी नियमित और पत्राचार के माध्यम से भी कोर्स करवाए जाएंगे। अतुल कौशिक ने कहा कि एमओयू नियादी और अनुप्रयुक्त विज्ञान, भौतिक विज्ञान, इंजीनियङ्क्षरग, प्रबंधन, सामाजिक विज्ञान में पारस्परिक हित के क्षेत्रों में सहयोग अनुसंधान और नवाचार भी प्रदान करते हैं।

फैकल्टी एक्सचेंज कार्यक्रम भी होगा शुरू

एमओयू के तहत फैकल्टी एक्सचेंज कार्यक्रम भी शुरू होगा। सेना के जो शैक्षणिक संस्थान हैं वहां पर निजी विश्वविद्यालय की फैकल्टी विषयों से संबंधित जानकारी हासिल कर सकेगी। इसी तरह सेना के संस्थानों की फैकल्टी भी निजी विवि में आकर यहां पर नई तकनीक और विषय से संबंधित अन्य जानकारी हासिल कर सकेंगे।

chat bot
आपका साथी