यूरोपियन स्पेस एजेंसी में चंद्रमा पर शोध करेगा सरकारी स्‍कूल में पढ़ा कांगड़ा का अनुज, जानिए

Anuj Chaudhary Kangra सूबे के एक लाल ने यूरोपियन स्पेस एजेंसी में जगह पाकर पहाड़ का नाम रोशन किया है। जी हां यहां बात हो रही है जिला कांगड़ा की नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र के जंदराह गांव के 25 वर्षीय अनुज चौधरी की।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 06:29 AM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 12:34 PM (IST)
यूरोपियन स्पेस एजेंसी में चंद्रमा पर शोध करेगा सरकारी स्‍कूल में पढ़ा कांगड़ा का अनुज, जानिए
जिला कांगड़ा की नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र के जंदराह गांव के 25 वर्षीय अनुज चौधरी।

ज्वालामुखी, प्रवीण कुमार शर्मा। Anuj Chaudhary Kangra, सूबे के एक लाल ने यूरोपियन स्पेस एजेंसी में जगह पाकर पहाड़ का नाम रोशन किया है। जी हां यहां बात हो रही है जिला कांगड़ा की नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र के जंदराह गांव के 25 वर्षीय अनुज चौधरी की। अनुज ने विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अंतरिक्ष अन्वेषण संस्था यूरोपियन स्पेस एजेंसी यानि ईएसए में विश्वभर में 12वें रैंक के साथ नियुक्ति पाई है। अनुज ईएसए में सिलेक्शन के बाद यूरोप रवाना हुए हैं। छोटे से गांव के मध्यमवर्गीय परिवार से तालुक रखने वाले अनुज के स्वजन अपने लाडले की इस उपलब्धि पर फूले नहीं समा रहे हैं। इस संस्‍था का उदे्दश्‍य चंद्रमा सहित अन्‍य ग्रहों पर जीवन की संभावना तलाशना है।

सरकारी स्कूल में की पढ़ाई पहाड़ की शान बढ़ाई

25 साल के अनुज की पढ़ाई सरकारी स्कूल में हुई है। पहली से लेकर आठवीं तक अनुज गांव के ही मिडिल स्कूल जंदराह में पढ़े हैं, जबकि नवमीं तथा मैट्रिक बाबा बड़ोह में करने के बाद बाहरवीं कि परीक्षा ग्रीन फील्ड स्कूल नगरोटा बगवां से पास की। बचपन से ही अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनने का सपना लिए अनुज ने मास्टर आफ साइंस की डिग्री स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी से की, जबकि पेनसिलवेनिया विश्वविद्यालय से एमबीए किया। अनुज अपनी लगन तथा मेहनत के बलबूते इस समय अमेरिका में एमआईटी से पीएचडी कर रहे हैं, जहां से अंतरिक्ष शोध की भूख के चलते उन्होंने यूरोपियन स्पेस एजेंसी में सिलेक्शन के लिए एग्जाम दिया था। अनुज ने इस एजेंसी में 12वें  रैंक के साथ अपनी जगह पक्की की है।

क्या है यूरोपियन स्पेस एजेंसी

ईएसए विश्व के 22 सदस्य देशों की गैर सरकारी संस्था है, जिसका मुख्य उद्देश्य चंद्रमा तथा अन्य ग्रहों पर जीवन ढूंढना है। इन 22 सदस्यीय देशों में आस्ट्रिया, बेल्जियम, चेक गणराज्य, डेनमार्क, एस्टोनिया, फ‍िनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, यूनान, हंगरी, आयरलैंड, इटली, लक्जमबर्ग, नीदरलैंड, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड सहित यूनाइटेड किंगडम शामिल हैं। ईएसए मौजूदा समय में विश्व की पांच सबसे बड़ी अंतरिक्ष अन्वेषण संस्थाओं में गिनी जाती है। कांगड़ा का अनुज विश्व पटल पर एक शोधार्थी के नाते पहाड़ का मान बढ़ाएगा।

मां-पिता व भाई को फक्र

अनुज की इस बड़ी उपलब्धि पर माता सरिता कुमारी व पिता अमर सिंह समेत बड़े भाई निकेतन व भाभी रजनी को फक्र है। सरिता कुमारी ने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि अनुज पढ़ाई में शुरू से होशियार है। वही  व्यक्तिगत जीवन में बेहद सादा तथा अनुशासित रहकर उसने खुद अपना रास्ता बनाया है जिस पर तेजी से दौड़ रहा है। अनुज के पिता एक निजी कंपनी में सेवाएं दे रहे हैं, जबकि मां गृहणी हैं।

क्या कहते हैं अनुज

अनुज चौधरी ने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि माता-पिता तथा गुरुजनों के आशीर्वाद से वो कामयाबी के हर पायदान को सीढ़ी दर सीढ़ी चढ़ रहा है। उसे बहुत खुशी है कि ईएसए में उसका सिलेक्शन हुआ है। यूरोप में शोध कार्य पूरा होने के बाद वह भारत में ही अपनी आगामी भूमिका निभाएगा। अनुज ने बताया कि वह युवाओं को प्रेरित करेंगे, जिससे सभी देश के लिए कुछ कर गुजरें। उन्होंने कहा ग्रीन फील्ड स्कूल के प्रधानाचार्य सुधांशु शर्मा ने उन्‍हें बहुत प्रेरित किया व रास्ता तय किया।

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