ऊना के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में एंटी स्नेक वेनम उपलब्ध, फिर भी सांपों से ऐसे रहें सावधान
बरसात में सांप के डसने के मामले बढऩे की आशंका रहती है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों सिविल अस्पतालों व क्षेत्रीय अस्पताल में एंटी स्नेक वेनम उपलब्ध करवा दी है।
ऊना, संवाद सहयोगी। बरसात में सांप के डसने के मामले बढऩे की आशंका रहती है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, सिविल अस्पतालों व क्षेत्रीय अस्पताल में एंटी स्नेक वेनम उपलब्ध करवा दी है।
सीएमओ डा. रमन शर्मा ने कहा कि सांप के डसने से घाव हो जाता है तथा कई बार पीडि़त की मृत्यु भी हो जाती है। सांप के डसने पर तत्काल उपचार जरूरी है। सांप के डसने पर एंटी स्नेक वेनम का इंजेक्शन दिया जाता है। अगर सर्पदंश का कोई भी मामला सामने आता है तो बिना समय गंवाए पीडि़त को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचाएं। किसी प्रकार की झाड़-फूंक में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए।
पिछले वर्ष 47 मामले आए थे
वर्ष 2020 में जिले में 47 व्यक्तियों को सांप ने डसा था जिनमें 31 पुरुष व 16 महिलाएं शामिल हैं। गनीमत रही कि किसी की जान नहीं गई जोक सुखद पहलु है।
क्या हैं लक्षण
आम तौर पर सांप के डसने का तुरंत पता चल जाता है। सांप के डसने के बाद तीव्र जलन, उल्टी, मिचली, शाक, अकडऩ या कंपकंपी, अंगघात, पलकों का गिरना, नजर फटना या किसी वस्तु का एक स्थान पर दो दिखना, मांसपेशियों में ऐंठन, काटे गए हिस्से में तेज दर्द, हाथ-पैरों में झनझनाहट, चक्कर आना, पसीना आना तथा दम घुटना आदि लक्षण हो सकते हैं। अधिकांश सांप विषहीन होते हैं, लेकिन कुछ सांप विषैले भी होते हैं।
कैसे करें बचाव
डा. रमन शर्मा ने कहा कि सांप के डसने को रोका जा सकता है, बशर्ते हम कुछ सावधानी बरतें। सांप को पकडऩे से हमेशा बचना चाहिए। उन स्थानों से हमेशा दूर रहें जहां सांप के छिपे होने की आशंका होती है, जैसे कि लंबी घास, पत्तियों के ढेर, चट्टान और लकड़ी के ग_े। यदि सांप दिखाई दे तो उसे छेड़ें नहीं बल्कि जाने दें। जहां सांप होने की आशंका हो, वहां काम करते समय लंबे और मजबूत जूते पहनें और बाजू-टांगों को ढककर रखें। गर्म मौसम में रात को बाहर काम करने से बचें क्योंकि इस समय सांप सबसे ज्यादा सक्रिय रहते हैं।