हिम सुरक्षा अभियान की ड्यूटी से हटाई जाएं आंगनबाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स, यूनियन ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
Anganbari Workers Helpers Union आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स ने हिम सुरक्षा अभियान की ड्यूटी से बाहर रखने की मांग उठाई है। आंगनबाड़ी वर्करज एवं हेल्पर्स यूनियन (संबंधित सीटू) ने इसको लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र लिखा है।
शिमला/धर्मशाला, जेएनएन। आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स ने हिम सुरक्षा अभियान की ड्यूटी से बाहर रखने की मांग उठाई है। आंगनबाड़ी वर्करज एवं हेल्पर्स यूनियन (संबंधित सीटू) ने इसको लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा 25 दिसंबर तक चलने जाने वाले हिम सुरक्षा अभियान में आंगनबाड़ी कर्मियों की ड्यूटी न लगाई जाए। यूनियन की अध्यक्ष नीलम जसवाल और महासचिव राजकुमारी ने कहा आंगनबाड़ी वर्कर्स न तो स्वास्थ्य कर्मी हैं और न ही वे इस कार्य में निपुण हैं। उन्हें इस कार्य का कोई उचित परीक्षण नहीं दिया गया है और न ही उनकी सेवा शर्तों में इस तरह के कार्यों के लिए उन्हें नियुक्त किया गया है।
आंगनबाड़ी वर्कर्स छोटे बच्चों के लालन पालन और गर्भवती व धातृ महिलाओं से संबंधित कार्यों के लिए नियुक्त किए गए हैं। वे योजनकर्मी हैं व एक विशेष योजना के क्रियान्वयन के प्रति ही वे जवाबदेह हैं। उनकी कोरोना महामारी की मैपिंग, इलाज व इससे जुड़े अन्य कार्यों में ड्यूटी लगाने का कोई औचित्य नहीं बनता है। यह इन कर्मियों के साथ अन्याय के साथ ही कोरोना मरीजों व जनता की सेहत से भी खिलवाड़ है।
यूनियन की पदाधिकारियों ने कहा कि प्रदेश सरकार का रवैया हमेशा ही आंगनबाड़ी वर्कर्स के साथ अन्यायपूर्ण रहा है। हिमाचल प्रदेश में इनसे दर्जनों कार्य करवाने के बावजूद न तो इन्हें नियमित किया गया, न ही इनके लिए पेंशन, ग्रेच्युटी, स्वास्थ्य आदि की कोई सुविधा है। इन्हें हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्य के मुकाबले आधा वेतन भी नहीं दिया जाता है। इन कर्मियों को कोविड वॉरियर का भी कोई दर्जा नहीं दिया गया है। यह आंगनबाड़ी वर्कर्स के प्रति सरकार की संवेदनहीनता को ही दर्शाता है। यूनियन ने इसकी इस पत्र की प्रति सामाजिक कल्याण एवं आधिकारिता विभाग की मंत्री सहित अन्य अधिकारी को भी प्रेषित की है।