स्‍कूल सरकारी हों या निजी दिन में दो घंटे और सप्‍ताह में पांच दिन से अधिक नहीं हो पाएगी ऑनलाइन क्‍लास

प्रशासन तक कुछ अभिभावकों ने शिकायत पहुंचाई थी कि लगातार ऑनलाइन कक्षाओं में बैठने के कारण उनके बच्‍चों की आंखों और मनोस्थिति पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। गौरतलब है कि लगभग सभी स्‍कूल गूगल मीट या जूम जैसे माध्‍यमों से ऑनलाइन कक्षाएं जारी रखे हुए हैं।

By Navneet ShramaEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 06:08 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 06:08 PM (IST)
स्‍कूल सरकारी हों या निजी दिन में दो घंटे और सप्‍ताह में पांच दिन से अधिक नहीं हो पाएगी ऑनलाइन क्‍लास
जिलाधीश कांगड़ा की सरकारी और निजी स्‍कूलों को चेतावनी।

धर्मशाला, जागरण संवाददाता। कांगड़ा के सरकारी स्‍कूल हों या निजी, ऑनलाइन शिक्षण कार्य दिन में केवल दो घंटे ही हो पाएगा। ये आदेश जिलाधीश कांगड़ा राकेश प्रजापति ने जारी कर दिए हैं। प्रशासन तक कुछ अभिभावकों ने शिकायत पहुंचाई थी कि लगातार ऑनलाइन कक्षाओं में बैठने के कारण उनके बच्‍चों की आंखों और मनोस्थिति पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। गौरतलब है कि लगभग सभी स्‍कूल गूगल मीट या जूम जैसे माध्‍यमों से ऑनलाइन कक्षाएं जारी रखे हुए हैं। इसके साथ ही वैक्‍सीनेशन अब खुले स्‍थान पर हुआ करेगी जबकि टेस्टिंग अस्‍पताल या किसी भी चिकित्‍सा संस्‍थान में ही होगी। वैक्‍सीनेशन सेंटर में भी तीन कतारें हुआ करेंगी। एक वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए, दूसरी 45 से 60 वर्ष की आयु वालों के लिए और तीसरी 18 से 45 साल तक की आयु वालों के लिए। 

चिकित्‍सा उपकरण महंगे बेचने वालों को चेतावनी

इसके अलावा जिलाधीश के पास चिकित्‍सा उपकरणों के भी मनमाने दामों पर बेचने की शिकायतें आई थी। उन्‍होंने सहायक दवा नियंत्रक को आदेश दिए हैं कि दुकानदारों को चेताया जाए ताकि वे महामारी का लाभ न उठा पाएं।

आरटीपीसीआर की रपट आने तक घर में रहें

आरटीपीसीआर टेस्‍ट की रिपोर्ट में विलंब भी प्रशासन के कानों तक पहुंचा है। अब आदेश दिए गए हैं कि जिस व्‍यक्ति का आरटीपीसीआर टेस्‍ट होगा, वह रिपोर्ट मिलने तक घर से बाहर नहीं निकलेगा। जिलाधीश के मुताबिक, टेस्‍ट रिपोर्ट में देरी इसलिए हो रही है क्‍योंकि टेस्टिंग बढ़ा दी गई है।

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