धान को झुलसा रोग से बचाने के लिए करें बैविस्टिन की स्प्रे

संवाद सहयोगी पालमपुर चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के प्रसार

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 Aug 2020 08:42 AM (IST) Updated:Mon, 17 Aug 2020 08:42 AM (IST)
धान को झुलसा रोग से बचाने के 
लिए करें बैविस्टिन की स्प्रे
धान को झुलसा रोग से बचाने के लिए करें बैविस्टिन की स्प्रे

संवाद सहयोगी, पालमपुर : चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के प्रसार शिक्षा निदेशालय के विज्ञानियों ने धान को झुलसा रोग से बचाने के लिए बैविस्टिन 50 डब्ल्यूपी के छिड़काव की सलाह दी है। साथ ही पत्ता लपेट सुंडी और हिस्पा कीट के नियंत्रण के लिए 1250 मिली क्लोरपाइरिफास 20 ईसी प्रति 500 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर क्षेत्र की दर से छिड़काव करने का सुझाव दिया है। साथ ही मक्की में तना सड़न रोग की रोकथाम के लिए 16.5 किग्रा ब्लीचिग पाउडर प्रति हेक्टेयर की दर से रोगग्रस्त पौधों के पास मिट्टी में मिलाने का उपाय बताया है। प्रदेश के निचले पर्वतीय क्षेत्रों में इन दिनों मक्की में फॉल आर्मी वर्म कीड़े का प्रकोप हो रहा है। यह कीट पत्तों में सुरंगें बनाता है तथा भुट्टों में घुसकर दानों को खा जाता है। विज्ञानियों के अनुसार, कीट के नियंत्रण के लिए क्लोरेनटीनीलीपेरोल 0.40 मिली या ईमामैक्टिन बैंजोएट 0.4 ग्राम प्रति लीटर पानी का पौधे पर छिड़काव करें।

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पंक्तियों में करें जड़दार सब्जियों की बिजाई

प्रदेश के निचले पर्वतीय क्षेत्रों में जड़दार सब्जियों जैसे मूली, जापानीज व्हाइट, चाइनीज पिक, शलजम व गाजर आदि की बिजाई पंक्तियों में करें। पालक की सुधरी प्रजातियों पूसा हरित, ऑल ग्रीन, पूसा भारती, बैनर्जी जाइट की बिजाई के लिए उपयुक्त समय है। बिजाई के दौरान गोबर की खाद के अलावा 150 किलोग्राम 12:32:16 मिश्रण खाद तथा आठ किग्रा. म्यूरेट ऑफ पोटाश प्रति हेक्टेयर खेत में डालें। मध्यवर्ती पहाड़ी क्षेत्रों में दरम्याना फूलगोभी की तैयार पौध की 60 गुणा 45 सेंमी की दूरी पर रोपाई करें।

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सब्जियों को धब्बा रोग से बचाएं

टमाटर, बैंगन व शिमला मिर्च में धब्बा एवं फल सड़न रोग की रोकथाम के लिए 2.5 ग्राम डायथेन एम 45 या 2.5 ग्राम रिडोमिल एम जेड प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें। बैंगन में फलछेदक कीट की रोकथाम के लिए कार्बेरिल 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें। तैयार फलों को छिड़काव से पहले ही तोड़ लें। कद्दू प्रजाति के फलों पर फल मक्खी के प्रकोप की रोकथाम के लिए 10 मिली मैलाथियान और 50 ग्राम गुड़ या चीनी को पांच लीटर पानी में घोलकर बेलों पर छिड़काव करें।

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