गेहूं की बिजाई के लिए उपयुक्त समय
संवाद सहयोगी पालमपुर चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के विज्ञाि
संवाद सहयोगी, पालमपुर : चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के विज्ञानियों का कहना है कि गेहूं की बिजाई के लिए उपयुक्त समय है। खेतों की जुताई के बाद तुरंत पाटा लगाएं ताकि नमी बरकरार रहे। विज्ञानियों ने सलाह दी है कि बिजाई से पहले बीजों को थीरम या कैप्टॉन दो से ढाई ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करे लें। फफूंद रोग के नियंत्रण के लिए ढाई ग्राम वेबस्टीन प्रति एक किलोग्राम बीज का उपचार बुआई से पहले करना जरूरी है।
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अच्छी गुणवत्ता के आलू बीज चुनें
निचले और मध्य पर्वतीय क्षेत्रों के मैदानी भागों में आलू की बुआई करने से पहले अच्छी गुणवत्ता के बीज चुनने की सलाह विज्ञानियों ने दी है। बुआई से पहले बीजों को मैंकोजेब दो ग्राम तथा कार्बडिजम एक ग्राम प्रति लीटर घोल में प्रति किलोग्राम बीज को पांच मिनट तक भिगोकर रखें। उसके बाद बुआई से पहले छायादार स्थान पर सूखाकर ही बिजाई करें। बीज अंकुरण के बाद निराई-गुड़ाई कर खरपतवारों को निकाल दें।
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सब्जियों की करें निराई-गुड़ाई
कृषि विज्ञानियों के अनुसार, वर्तमान समय में फसलों व सब्जियों में दीमक का प्रकोप होने की संभावना रहती है। इसके उपचार के लिए क्लोरोपायरीफॉस 20 ईसी चार मिलीलीटर प्रति लीटर की दर से पानी में मिलाकर छिड़काव करें। सब्जियों में निराई-गुड़ाई का कार्य भी पूरा कर लें।
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प्याज की पनीरी को करें रोपित
निचले एवं मध्यवर्ती पहाड़ी क्षेत्रों में प्याज की सुधरी प्रजातियों जैसे पटना रेड, नासिक रेड, पालम लोहित, पूसा रेड, एएफडीआर, एएफएलआर तथा संकर किस्मों की पनीरी को खेतों में लगाने का समय है। इसके लिए खेत में देसी खाद का अत्यधिक उपयोग करें। खेत में पानी निकासी का भी उचित प्रबंध करें।
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मटर की बिजाई के लिए उचित समय
मटर की सुधरी प्रजातियों जैसे पालम समूल, पीवी-89, जीएस-10, आजाद पी-1 एवं आजाद पी-3 की बिजाई 45 सेम. कतारों तथा 10 सेमी पौधे से पौधे की दूरी पर करें। बिजाई से पहले खाद डालें। इन्हीं क्षेत्रों में मूली, गाजर व शलजम में पौधों की छंटाई करें तथा 7-10 सेमी पौधे से पौधे की दूरी बनाए रखें।