लाल चावल के जीआइ पंजीकरण के लिए चेन्नई में आवेदन

संवाद सहयोगी पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर ने हिमाचल के लाल चावल के भौगोलिक संकेतक (ज

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Sep 2021 09:29 PM (IST) Updated:Thu, 09 Sep 2021 09:29 PM (IST)
लाल चावल के जीआइ पंजीकरण 
के लिए चेन्नई में आवेदन
लाल चावल के जीआइ पंजीकरण के लिए चेन्नई में आवेदन

संवाद सहयोगी, पालमपुर : कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर ने हिमाचल के लाल चावल के भौगोलिक संकेतक (जीआइ) पंजीकरण के लिए भौगोलिक संकेतक पंजीकरण कार्यालय चेन्नई में आवेदन किया है।

कुलपति प्रो. हरींद्र कुमार चौधरी ने बताया कि विवि लाल चावल की जीआइ टैगिग, करसोग कुल्थी और चंबा चुख से संबंधित तीन परियोजनाओं पर भी काम कर रहा है। उन्होंने विज्ञानिकों को हिमाचल के पूर्ण राज्यत्व स्वर्ण जयंती वर्ष में अप्रैल 2022 तक कम से कम 50 भौगोलिक संकेतक (जीआइ) पंजीकरण के आवेदन दाखिल करने का निर्देश दिए हैं। हिमाचल के कई खजानों में से लाल चावल की किस्में भी हैं। इनमें शिमला जिले के छोहारटू व चंबा जिले में सुकारा, झिजन व करड़, कुल्लू जिले में जट्टू देवल व मताली, कांगड़ा जिले में देसी धान, कलिझनी, अच्छू, बेगमी इत्यादि आदिकाल से राज्य के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग ऊंचाई पर उगाए जाते हैं।

लाल चावल भरपूर आयरन व जिक तथा अन्य कई सूक्ष्म तत्वों व विटामिटन के अतिरिक्त और इनमें उच्च एंटी-आक्सीडेंट गुण होते हैं। लाल चावल की दोनों किस्में इंडिका और जैपोनिका उप-प्रजातियों से संबंधित हैं। केरल और अन्य राज्यों के लाल चावल के विपरीत हिमाचल के लाल चावल ठंडे मौसम के अनुकूल होते हैं। इसे देखते हुए विश्वविद्यालय राज्य में समुद्र तल से 1000 मीटर से ऊपर के क्षेत्रों के लिए अनुकूलित जैपोनिका लाल चावल के लिए जीआइ प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है।

छोहारटू रोहड़ू (शिमला) के छोहारा घाटी में उगाई जाने वाली किसानों की लाल चावल की किस्म क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत का एक हिस्सा है। लाल चावल की पिच्छ/लुगड़ी (चावल पकाने के बाद गाढ़ी स्थिरता वाला अतिरिक्त पानी) गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है।

पालमपुर विवि ने प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से एकत्र किए गए लाल चावल की 30 से अधिक भूमि प्रजातियों को संरक्षित कर रखा है।

विश्वविद्यालय ने हिमाचल प्रदेश की विभिन्न फसलों, पशु आनुवंशिक संसाधनों और लाल चावल, बासमती चावल, राजमाश (चंबा, भरमौर, बड़ौत, किन्नौर, लाहौल-स्पीति व सिराज क्षेत्रों से), कुल्थी के जीआइ पंजीकरण के लिए टास्क फोर्स का गठन किया है।

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