हर घड़ी आपका ख्याल रखेगी यह खास घड़ी, आपके एक इशारे से सैनिटाइज होंगे हाथ
Gesture Control Hand Sanitizer हिमाचल के बद्दी स्थित महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय के एक सहायक प्रोफेसर ने सेंसरयुक्त गेस्चर कंट्रोल हैंड सैनिटाइजर तैयार किया है।
सोलन, सुनील शर्मा। कोरोना की दवा विकसित होने में पता नहीं कितना समय लगेगा, लेकिन तब तक लोगों को इस संक्रमण से बचाने के लिए सस्ता और इस्तेमाल में आसान उपकरण तैयार किया गया है। हिमाचल प्रदेश के बद्दी स्थित महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय के एक सहायक प्रोफेसर ने सेंसरयुक्त गेस्चर कंट्रोल हैंड सैनिटाइजर तैयार किया है। कलाई में बांधने वाली घड़ी जैसा यह उपकरण है, जिसे बिना छुए हाथों को सैनिटाइज किया जा सकता है। हमारे कोरोना योद्धाओं के लिए यह बेहद उपयोगी साबित हो सकता है।
इस उपकरण के साथ सैनिटाइजर की शीशी लगी होगी। साथ ही इंफ्रारेड सेंसर व माइक्रो कंट्रोलर स्थापित होगा। सेंसर दूसरे हाथ का इशारा समझेगा और माइक्रो कंट्रोलर को मैसेज देगा। माइक्रो कंट्रोलर सैनिटाइजर को फ्लश कर देगा। सैनिटाइजर दूसरे हाथ पर गिरेगा या अन्य किसी भी हिस्से पर जहां हम उसे इस्तेमाल करना चाहते हैं।
600 रुपये से कम होगी कीमत
विश्वविद्यालय के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर कुनाल सिंह ने बताया कि उन्होंने इसे 600 रुपये में तैयार किया है। लेकिन जब हम इसे बल्क में तैयार करेंगे तो यह कम लागत में तैयार होगा। कुनाल बताते हैं कि पहले इसे अपने पास स्क्रैप से बनाया था, लेकिन लॉकडाउन खुला तो बाजार से सामान लाकर इसका दूसरा बेहतर वर्जन तैयार किया, जिसे आइसीएमआर में जमा किया था। कुनाल सिंह हरियाणा के निवासी हैं। उन्हें विश्वविद्यालय के प्रभारी सुरेश गुप्ता ने मदद का आश्वासन दिया है।
आइसीएमआर को पसंद आया था आइडिया
इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने देशभर में लोगों से कोविड फाइट के लिए आइडिया मांगा था। कुनाल सिंह ने अपना आइडिया शेयर किया था, जिसका चयन हो गया। इसके बाद उन्होंने प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया और अब इसे तैयार करने के बाद इसका पेटेंट भी करवा लिया है। जल्द यह उत्पाद बाजार में मिल सकता है। आइसीएमआर के पीजीआइ स्थित सेंटर फॉर इनोवेशन एंड बायो डिजाइन के डॉक्टरों ने इस प्रोजेक्ट की सराहना की है।
इंजीनियर कुनाल सिंह के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। यह प्रोजेक्ट आने वाले समय में उपयोगी साबित हो सकता है। इसे बाजार में उतारने के लिए अभी कुछ औपचारिकताएं बाकी हैं, जिन पर काम चल रहा है। -डॉ. वीरेंद्र गर्ग, प्रभारी, सेंटर फॉर इनोवेशन एंड बायो डिजाइन चंडीगढ़।