एनजीओ फेडरेशन की मान्यता पर गरमाई कर्मचारी राजनीति, एनआर ठाकुर सरकार के खिलाफ मुखर
Himachal Employees Politics एनजीओ फेडरेशन की मान्यता पर कर्मचारी राजनीति गरमा गई है। हिमाचल प्रदेश एनजीओ फेडरेशन के राज्य अध्यक्ष एनआर ठाकुर ने कहा सरकार ने एनजीओ फेडरेशन की मान्यता का फैसला लगता है जल्दबाजी और हड़बड़ाहट में लिया है।
मंडी, जागरण संवाददाता। Himachal Employees Politics, एनजीओ फेडरेशन की मान्यता पर कर्मचारी राजनीति गरमा गई है। हिमाचल प्रदेश एनजीओ फेडरेशन के राज्य अध्यक्ष एनआर ठाकुर ने कहा सरकार ने एनजीओ फेडरेशन की मान्यता का फैसला लगता है जल्दबाजी और हड़बड़ाहट में लिया है। पिछले चार वर्षों से 90 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन को नजरंदाज करके एक छोटे से समूह को मान्यता दी है। ऐसा करके सरकार ने लाखों कर्मचारियों को आहत किया है। ठाकुर ने कहा कि बहुमत को नजरंदाज करना सरकार को भारी पड़ेगा।
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एनआर ठाकुर ने कहा आज कुछ अधिकारी सरकार को भ्रमित कर मनमाने फैसले करवा रहे हैं, जो सरकार की सेहत के लिए ठीक नहीं हैं। उन्होंने कहा यदि इस फैसले को तुरंत बदला नहीं गया तो यह आग में घी डालने का काम करेगा। ठाकुर ने कहा उनके महासंघ ने 25 जुलाई को बिलासपुर में फेडरल हाउस रखा है, जिसमें अगली रणनीति की रूपरेखा तय की जाएगी।
उन्होंने कहा यदि सरकार ने इसमें तुरंत हस्तक्षेप करके सबको विश्वास में नहीं लिया तो खामियाजा भुगतने के लिए भी तैयार रहें। चार साल के बाद लिया गया एक तरफ फैसला किसी को मंजूर नहीं है। अगर ऐसा ही करना था तो सरकार सत्ता में आते ही बिना चुनाव के किसी अपने के नाम मान्यता का पत्र निकाल कर कर्मचारियों के काम करती। फिर इतना लंबा नाटक खेलने की कया जरूरत थी। ठाकुर ने कहा उन्होंने 114 यूनिट ,12 जिलों और प्रदेश के चुनाव संविधान के अनुरूप करवाए हैं और 98 डिपार्टमेंटल यूनियन महासंघ से एफिलिएटेड है, जबकि मान्यता उसे दी गई, जिसने शिमला में कुछ कर्मचारियों को बुलाकर खुद को प्रधान घोषित कर दिया। अगर सरकार ऐसा ही करती रही तो लोगों का विश्वास डेमोक्रेसी से उठ जाएगा।