धर्मशाला में एक दिन की झमाझम बारिश के बाद शीतल लहर हुई तेज, धूप से लोगों को मिली कुछ राहत
धौलाधार बर्फ से चांदी की तरफ चमक उठा है। सुबह सूर्य की किरणें पड़ने से इसकी चमक और भी बढ़ गई है। मानों धौलाधार ने बर्फ से अपना खोया हुआ स्वरूप वापस पा लिया है। धौलाधार पर्वत बर्फ से पूरी तरह से लद गया है।
धर्मशाला, जागरण संवाददाता। धौलाधार बर्फ से चांदी की तरफ चमक उठा है। सुबह सूर्य की किरणें पड़ने से इसकी चमक और भी बढ़ गई है। मानों धौलाधार ने बर्फ से अपना खोया हुआ स्वरूप वापस पा लिया है। धौलाधार पर्वत बर्फ से पूरी तरह से लद गया है। यह फोटो भी लोग एक दूसरे से शेयर कर शरदऋतु का स्वागत कर रहे हैं।
एक दिन की झमाझम बारिश हुई है, मैदान व पहाड़ी हरेक क्षेत्र में मौसम बदल गया है। ऐसे में शीतलहर तेज हो गई है। हालांकि एक दिन की लगातार बारिश के बाद आज सुबह ही सूर्यदेव के दर्शन हुए हैं और इससे शीतलहर में कुछ राहत जरूर मिलेगी। हालांकि आकाश में अभी कुछ हलके बादल हैं, लेकिन बावजूद इसके सुबह सवेरे ही सूर्य देव के दर्शन होने दिन बेहतर हो गया है। वहीं, करवा चौथ के दिन बादल छाए रहने से सुहागिनों को चांद का काफी इंतजार करना पड़ा।
हालांकि चांद ने महिलाओं को ज्यादा परेशान नहीं किया। लेकिन बादलों में चांद होने के कारण कुछ दिक्कत जरूर रही। शरदऋतु का पहला हिमपात हो गया है, इसे आने वाले दिनों के लिए शुभ माना जा रहा है।
किसानों के लिए भी यह बारिश राहत की है। ऐसे स्थान जहां पर खेतीबाड़ी के लिए सिंचाई सुविधा नहीं है, उन स्थानों के किसान अब अपने खेतों में गेहूं की बिजाई कर सकेंगे। वहीं कुछ किसान जिन्होंने गेहूं की अगेती बिजाई की तैयारी कर रखी है वह किसान भी अपने खेतों में गेहूं को बीज सकेंगे। जबकि जो किसान जिनके धान की फसल देरी से पकी है या कुछ ऐसे बीज धान के लगाए थे जो पिछेते थे ऐसे किसानों के लिए यह बारिश आफत की है।
पर्यटकों को आकर्षित करेगा धौलाधार
पहाड़ पर पड़ा बर्फ पर्यटकों को भी अपने तरफ आकर्षित करेगा। इस सीजन को यूं तो पर्यटन की दृष्टि से ऑफ सीजन कहते हैं, लेकिन दशहरा, दीपावली व साल के अंतिम माह व न्यू एयर सेलिव्रेशन के लिए अधिक पर्यटकों की आमद रहती है। ऐसे में अक्टूबर में ही बर्फ गिरने को पर्यटन कारोबार के लिए भी अच्छा माना जा रहा है।