टांडा में ड्यूटी के बाद धर्मशाला अस्‍पताल में पीपीई किट पहन मां की सेवा कर रही बेटी, हाथों से खिलाती हैं खाना

Himachal Coronavirus Good News डाॅक्टर राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा में पहले वह अपनी ड्यूटी बख़ूबी निभाती हैं। रोगियों की सेवा में वह एक पांव इधर से उधर घूमती हैं। ड्यूटी समाप्त होती है तो घर में अपनी दूसरी ड्यूटी शुरू हो जाती है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 09:03 AM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 09:03 AM (IST)
टांडा में ड्यूटी के बाद धर्मशाला अस्‍पताल में पीपीई किट पहन मां की सेवा कर रही बेटी, हाथों से खिलाती हैं खाना
डाॅक्टर राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा में पहले वह अपनी ड्यूटी बख़ूबी निभाती हैं।

पालमपुर, शारदा आनंद गौतम। Himachal Coronavirus Good News, डाॅक्टर राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा में पहले वह अपनी ड्यूटी बख़ूबी निभाती हैं। रोगियों की सेवा में वह एक पांव इधर से उधर घूमती हैं। ड्यूटी समाप्त होती है तो घर में अपनी दूसरी ड्यूटी शुरू हो जाती है। घर वालों के लिए खाना तैयार करने के बाद तीसरी ड्यूटी के लिए पीपीई किट पहनकर अपनी बीमार मां की सेवा करने के लिए रोजाना क्षेत्रीय अस्पताल धर्मशाला में पहुंच जाती हैं।

बीते दस दिनों से रेणु की मां सत्या देवी धर्मशाला अस्पताल में उपचाराधीन हैं।  शुगर और अन्य असाध्य बीमारियों की चपेट में आने वाली सत्या देवी को कोविड संक्रमण ने भी अपनी चपेट में ले लिया है। ऑक्सीजन का स्तर कम होने के कारण सत्या को दो मई की रात को धर्मशाला अस्पताल में लाया गया तो उन्हें ऑक्सीजन स्तर बढ़ाने के लिए चिकित्सक टीम और नर्सिंग टीम के साथ रेणु ने भी पूरी जिम्मेदारी संभाली।

सत्‍या देवी जिला कांगड़ा के राजा का तालाब की निवासी हैं। इनकी बेटी टांडा अस्पताल में सेवाएं प्रदान कर रही हैं। रोजाना शाम को छह बजे के बाद रेणु अपनी मां के पास आती हैं और उनके ऑक्सीजन लेवल का निरीक्षण करते हुए अपने हाथों से उन्हें खाना खिलाती हैं। मां की मालिश करती हैं, ताकि प्राकृतिक तरीके से ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाया जा सके। जहां बाजार मात्र कुछ घंटों के लिए खुलता है तो वैसे माहौल में सब्जी, फल और अन्य सामान भी एकत्र करना रेणु के लिए चुनौती से कम नहीं है।

ऐसे में धर्मशाला अस्पताल में उपचाराधीन पालमपुर के युवा अजय कुमार और तिब्बती महिला भी सत्या देवी को हौसला देते हैं। अजय कुमार फोन पर रेणु से संपर्क रखते हैं और जिस वस्तु की आवश्यकता उन्हें पड़ती है उसके बारे में उन्हें बताते हैं। धीरे धीरे सत्या देवी बेटी की सेवा से ठीक हो रही हैं तो धर्मशाला अस्पताल के विशेषज्ञों और स्वास्थ्य कर्मियों के चेहरों पर विश्वास की आस देख रही है।

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