Osteoporosis Day: मिलावटी दूध कर रहा आपकी हड्डियां कमजोर, इस तरह दूर करें कैल्शियम व विटामिन डी की कमी

Osteoporosis Disease ऐसा कोई व्यक्ति नहीं जिसको कैल्शियम और विटामिन डी की कमी न हो। हमेशा कपड़ों से शरीर को ढके रखने से धूप शरीर को नहीं लगती जिससे विटामीन डी नहीं मिलता। मिलावटी व रासायन से तैयार दूध व डेयरी उत्पाद फल सब्जियों का सेवन नुकसान पहुंचा रहा है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 06:44 AM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 07:35 AM (IST)
Osteoporosis Day: मिलावटी दूध कर रहा आपकी हड्डियां कमजोर, इस तरह दूर करें कैल्शियम व विटामिन डी की कमी
ऐसा कोई व्यक्ति नहीं जिसको कैल्शियम और विटामिन डी की कमी न हो।

शिमला, यादवेन्द्र शर्मा। Osteoporosis Disease, ऐसा कोई व्यक्ति नहीं जिसको कैल्शियम और विटामिन डी की कमी न हो। हमेशा कपड़ों से शरीर को ढके रखने से धूप शरीर को नहीं लगती, जिससे विटामिन-डी नहीं मिलती। इसके साथ मिलावटी व रासायनिक खादों से तैयार दूध व डेयरी उत्पाद, फल, सब्जियों आदि का सेवन नुकसान पहुंचा रहा है। तनाव और कम क्रियाशीलता लोगों को बीमारियों का घर बनाने के साथ आस्टियोपोरोसिस की ओर धकेल रही है। आस्टियोपोरोसिस का मतलब है हड्डियों का द्रव्यमान और ताकत कम होना। ये रोग बिना किसी लक्षण या दर्द के विकसित होता है और आमतौर पर इसका पता तब तक नहीं चलता जब तक कि हड्डयों के कमजोर होने के कारण लगातर फ्रैक्चर नहीं होती हैं। इसमें आमतौर पर कूल्हे, कलाई, पांव, और रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर होते हैं।

पुरुषों की तुलना में महिलाओं में इस रोग के होने की चार गुणा अधिक संभावना रहती है। दूध की गुणवत्ता सही नहीं है और मिलावटी दूध मिल रहा है। लोगों ने पशुपालन को छोड़ दिया है और प्राकृतिक तौर पर खेतीबाड़ी नहीं हो रही है। मुनाफे के चक्कर में रासायनिक खादों और दवाओं का अंधाधुंध उपयोग हो रहा है। ऐसे में जब खानपान उचित नहीं है तो कैल्शियम और विटामिन डी व अन्य तत्वों का मिलना बेइमानी है। बीमारी से अपने को दूर रखखना है तो व्यस्त रहो मस्त रहो जरुरी है।

ऐसे आती है आस्टियोपोरोसिस की स्थिति

स्वस्थ हड्डी का भीतरी भाग स्पंज जैसा दिखता है। इस क्षेत्र को ट्रैबिकुलर हड्डी कहा जाता है। स्पंजी हड्डी के चारों ओर घनी हड्डी का एक बाहरी आवरण लपेटता है। इस कठोर खोल को कार्टिकल बोन कहते हैं। जब आस्टियोपोरोसिस होता है तो स्पंज में छेद बड़े और अधिक हो जाते हैं। ये हड्डी के अंदर से कमजोर करता है। हड्डियां कैल्शियम व अन्य खनिजों का भी भंडारण करती हैं। जब शरीर को कैल्शियम की आवश्यकता होती है तो वो टूट जाता है और हड्डी का पुनर्निर्माण करता है। बोन रीमाडलिंग नामक यह प्रक्रिया हड्डियों को मजबूत रखते हुए शरीर को आश्यक कैल्शियम की आपूर्ति करती है। लगभग 35 वर्ष की आयु के बाद हड्डी का टूटना हड्डी के निर्माण की तुलना में तेजी से होता है। इससे हड्डी का द्रवयमान धीरे-धीरे कम होजाता है।

आस्टियोपोरोसिस के लक्षण पीठ में दर्द होना, हड्डियों का जल्दी-जल्दी टूटना या फ्रेक्चर होना शरीर का झुका हुआ लगना कमजोरी लगना और आसानी से थक जाना

आस्टियोपोरोसिस के कारण

बढ़ती उम्र, 30 वर्ष की उम्र के बाद हड्डियां टूटती रहती हैं और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं मोनोपाज आम तौर पर 45 वर्ष के बाद महिलाओं को होता है और हार्मोनल बदलाव होता है जिससे हड्डियां कमजोर होती हैं हाइपोथायरायडिज्म भी एक कारण विटामिन डी की कमी कैल्शियम की कमी अनुवांशिक कारण दवाओं के विपिरत परिणाम का प्रभाव शराब,धूमपान और तंबाकू का सेवन शरीर के वजन का बढ़ना

बचाव के उपाय

कैल्शि‍यम हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है, डेयरी उत्पाद, पनीर, दूध, दही, ओट्स, राजमाह, दालें, मखाने मीट व मछली का सेवन फल और सब्जियां, सरसों का साग, ब्रोकली, शलजम, आलू, शकरकंदी, संतरा, पपीता, अनानास, केला, लाल व हरी मिर्च

क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ

हड्डी रोग विशेषज्ञ, डीडीयू शिमला डाक्‍टर लोकेंद्र शर्मा राकी का कहना है हर व्यक्ति को कैल्शियम व विटमिन डी की कमी है। यही कारण है हड्डियों के फ्रैक्चर ज्यादा देखने को आ रहे हैं। लोगों की दिनचर्या के बदलने, खान-पान की आदतों में आ रहे बदलाव कैल्शियम व विटामिन डी की कमी के कारण ये रोग देखने में आ रहा है। हमेशा लोग शरीर को पूरी तरह से हमेशा ढके रहने के कारण विटामिन डी नहीं मिल रही है। मानसिक आशंति भी एक कारण है। व्यस्त रहो मस्त रहाे सबसे कारगर उपाय है।

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