स्कूलों में एसएमसी फंड वसूला तो होगी कार्रवाई

सरकारी स्कूलों में बच्चों से एसएमसी (स्कूल प्रबंधन कमेटी) के नाम पर लिए जाने वाले फंड पर रोक लगा दी गई है। शिक्षा निदेशक डा. अमरजीत शर्मा ने सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों मुख्य अध्यापकों सहित शिक्षा उपनिदेशकों को सर्कुलर जारी किया है।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Mon, 12 Jul 2021 10:30 PM (IST) Updated:Mon, 12 Jul 2021 10:30 PM (IST)
स्कूलों में एसएमसी फंड वसूला तो होगी कार्रवाई
हिमाचल के शिक्षा निदेशक डा. अमरजीत शर्मा। जागरण आर्काइव

शिमला, जागरण संवाददाता। सरकारी स्कूलों में बच्चों से एसएमसी (स्कूल प्रबंधन कमेटी) के नाम पर लिए जाने वाले फंड पर रोक लगा दी गई है। शिक्षा निदेशक डा. अमरजीत शर्मा ने सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों, मुख्य अध्यापकों सहित शिक्षा उपनिदेशकों को सर्कुलर जारी किया है।

इसमें कहा गया है कि यदि किसी स्कूल में एसएमसी फंड वसूला जाता है तो उसके शिक्षकों पर कार्रवाई होगी। स्कूल पहली से आठवीं तक के बच्चों से किसी भी तरह का फंड नहीं वसूल सकते। आरटीई (शिक्षा का अधिकार) के तहत पहली से आठवीं कक्षा तक शिक्षा मुफ्त है। विभाग के पास काफी समय से ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि एसएमसी फंड वसूला जाता है। निर्देश दिए हैं कि पीटीए व एसएमसी की बैठकों में इसकी जानकारी भी दें। डा. अमरजीत शर्मा ने कहा कि अभिभावकों ने फंड वसूलने की शिकायतें की थी। यदि दोबारा ऐसी शिकायतें आती हैं तो उक्त स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी।

मेधा प्रोत्साहन योजना के लिए 24 तक करें आवेदन

मेधा प्रोत्साहन योजना के तहत प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए छात्रों को मुफ्त कोचिंग के लिए सरकार वित्तीय सहायता देगी। योजना के तहत 12वीं के 350 व स्नातक के 150 छात्रों का मेरिट आधार पर चयन किया जाएगा। शिक्षा विभाग ने इसके लिए 24 जुलाई तक आवेदन मांगे हैं।

सामान्य वर्ग के छात्रों ने 11वीं कक्षा में कम से कम 75 फीसद अंक प्राप्त किए हों। अनुसूचित जाति/जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, आइआरडीपी, बीपीएल के छात्रों ने 11वीं कक्षा में कम से कम 65 फीसद अंक प्राप्त किया होना जरूरी है। शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए मेधावी छात्रों को राज्य व राज्य से बाहर के संस्थानों से सीएलएटी, नीट, आइआइटी, जेईई, एएफएमसी, एनडीए व यूपीएससी, एसएससी व बैंङ्क्षकग, इंश्योरेंस, रेलवे जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की कोङ्क्षचग दी जाएगी। 12वीं के छात्रों को आवेदन पत्र जिला शिक्षा उपनिदेशक उच्चतर के माध्यम से और स्नातक के छात्रों को शिक्षा निदेशक उच्चतर के कार्यालय में डाक और ई-मेल के माध्यम से जमा करवाने होंगे। प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशालय ने अधिसूचना जारी कर दी है। इस योजना के लिए वही छात्र पात्र होंगे जिनकी परिवार की वार्षिक आय 2.50 लाख से कम है और छात्र हिमाचल प्रदेश का स्थायी निवासी है। 30 फीसद सीटें छात्राओं के लिए आरक्षित हैं, जबकि अन्य सीटों में आरक्षण सरकार के नियमों के अनुरूप है। चयनित छात्रों को जीवन में अधिकतम एक लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी, जिसे छात्र प्रतियोगिता की तैयारी के दौरान अपने भरण पोषण, संस्थान की फीस, किताबों और अन्य प्रकाशित सामग्री पर खर्च करेगा।

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