एक साल से आशियाने को तरस रही 75 वर्षीय वृद्धा, मकान के लिए आवेदन किया पर नहीं मिला लाभ
विकास खंड देहरा की ग्राम पंचायत भटोली फकोरिया निवासी 75 वर्षीय ममता देवी पत्नी स्व. बाबू राम का अपना पुश्तैनी रिहायशी कच्चा मकान गत लगभग एक वर्ष पूर्व भारी बरसात के कारण गिर गया था। ममता का एक मात्र मानसिक रूप से दिव्यांग लड़का भी उसके साथ रहता है।
देहरा, जेएनएन। विकास खंड देहरा की ग्राम पंचायत भटोली फकोरिया निवासी 75 वर्षीय ममता देवी पत्नी स्व. बाबू राम का अपना पुश्तैनी रिहायशी कच्चा मकान गत लगभग एक वर्ष पूर्व भारी बरसात के कारण गिर गया था।
घर के कुछ कच्चे हिस्से बचे हैं जो कभी भी गिर सकता है, दीवारों पर प्लास्टिक के तिरपाल की छत लगा पर ममता रहने को मजबूर है। ममता का एक मात्र मानसिक रूप से दिव्यांग लड़का भी उसके साथ रहता है। रोटी रोजी को भी मजबूर ममता का घर के गिरने से लेकर आज दिन तक सिर छुपाने के लिए व आर्थिक सहायता के लिए दर-दर भटक रही है पीड़ित।
वृद्ध महिला ने बताया कि उसने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत रिहायशी मकान निर्माण हेतु समुचित धन उपलब्ध करवाने के लिए ग्राम पंचायत भटोली फकोरियाँ के कार्यालय में एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था जिस पर ग्राम पंचायत ने पिछले साल ममता को नया मकान आवेदन पर एक प्रस्ताव डाल कर देहरा विकास खंड कार्यालय भेज दिया था। अब तक इस बारे में कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। मकान की बात तो दूर उक्त महिला को शौचालय की सुविधा भी आजतक उपलब्ध नहीं हो पाई है।
विकास खंड देहरा के सूत्रों के अनुसार पीड़ित महिला ममता के मकान को बनवाने के लिए केस डीआरडीए धर्मशाला भेजा गया है। खंड विकास देहरा के पास आपदा प्रबंधन के तहत मकान बनवाने के लिए बजट भी है। परंतु कमी है अधिकारियों कर्मियों में किसी गरीब की सहायता के लिए काम करने की इच्छाशक्ति की।
विकास खंड अधिकारी डाक्टर स्वाति गुप्ता भी मानती हैं गरीब बेघर वृद्धा का मकान बनाने का केस ब्लाक देहरा कार्यलय में विचाराधीन है। परंतु बजट होने के बावजूद इस काम में बाधा क्यों है। इसका जवाब किसी के पास नहीं है। पीड़ित वृद्ध ममता का सरकार से सवाल है कि क्या उसे अपने बचे हुए जीवन में अपना मकान मिल पाएगा या उसे इसी तरह दर-दर भटकना पड़ेगा। उक्त वृद्ध महिला ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से गुहार लगाई है कि उसे उसका अपना आशियाना शीघ्र उपलब्ध करवाया जाए।