अनोगा की 75 साल की बुजुर्ग महिला ने पेश की मिसाल, दी लिखित परीक्षा
पढऩा-लिखना अभियान अनोगा क्षेत्र में सफल होता दिख रहा है। बुजुर्ग भी इसमें दिलचस्पी ले रहे हैं। इसका उदाहरण अनोगा क्षेत्र की 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला भागदेई है। उसने अन्य शिक्षार्थियों के साथ आधारभूत परीक्षा दी। उन्हें पढ़ाई-लिखाई में अधिक रुचि है।
तेलका, संवाद सहयोगी। पढऩा-लिखना अभियान अनोगा क्षेत्र में सफल होता दिख रहा है। बुजुर्ग भी इसमें दिलचस्पी ले रहे हैं। इसका उदाहरण अनोगा क्षेत्र की 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला भागदेई है। उसने अन्य शिक्षार्थियों के साथ आधारभूत परीक्षा दी। उन्हें पढ़ाई-लिखाई में अधिक रुचि है।
अभियान के तहत अनोगा स्कूल के अंतर्गत नामांकित किए गए 43 शिक्षार्थियों के लिए परीक्षा का आयोजन किया गया। 34 अंक पढऩे, 33 गणित व 33 लिखाई के पूछे गए थे। परीक्षा स्वयंसेवी अध्यापकों राधा देवी, अंजू कुमारी, देवेंद्री, दर्शना देवी, मुबारिक अली, रजीना बेगम व अभियान समन्वयक युद्धवीर टंडन ने करवाया। परीक्षा में अनोगा, थंगार, तलाई, द्रोगी, द्रबड़, नातोड़ व सलौट आदि गांवों के शिक्षार्थियों ने हिस्सा लिया। स्कूल के प्रभारी युद्धवीर टंडन ने परीक्षा के सफल आयोजन के लिए स्वयंसेवी अध्यापकों का आभार जताया। उन्होंने बताया कि पढऩा-लिखना अभियान के तहत उन लोगों को शिक्षित किया जा रहा है, जो शिक्षा की मुख्य धारा से नहीं जुड़े हैैं। इसमें बुजुर्ग भी शामिल हैं। करीब छह माह से अभियान निरंतर जारी है। प्रत्येक स्कूल के जेबीटी शिक्षक को अभियान का प्रमुख बनाया गया है। इनके द्वारा गांव-गांव में स्थानीय स्वयंसेवी शिक्षक की नियुक्ति की जाती है। ये शिक्षक नाम लिखने, वर्णमाला का ज्ञान दे रहे हैैं।
उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में साक्षरता की तरफ बेहतरीन प्रयास किए जा रहे हैं। इसी दिशा में लोगों को साक्षर बनाने के लिए कई अभियान चलाए जा रहे हैं। कई संस्थाएं भी इस दिशा में सक्रिय हैं। कई शिक्षक भी अपने स्तर पर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को अक्षर ज्ञान बांट रहे हैं। कई एनजीओ (गैर सरकारी संगठन) ने भी लोगों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया है। यह इसलिए भी जरूरी है कि लोग आज की इंटरनेट की दुनिया में सभी के साथ कदम से कदम मिला सकें।