बीआरओ की मदद से पुलिस ने बारालाचा से रेस्क्यू किए 37 लोग

टैंकर फंसने से बारालाचा दर्रे में फंसे लोगों को पुलिस ने बीआरओ की मदद से आधी रात को रेस्क्यू कर लिया है। पुलिस ने बीआरओ के साथ आधी रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और माइनस तापमान में बारालाचा दर्रे में फंसे 37 यात्रियों को रेस्क्यू किया।

By Richa RanaEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 10:21 AM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 10:23 AM (IST)
बीआरओ की मदद से पुलिस ने बारालाचा से रेस्क्यू किए 37 लोग
बारालाचा दर्रे में फंसे लोगों को पुलिस ने बीआरओ की मदद से आधी रात को रेस्क्यू कर लिया है।

जसवंत ठाकुर, मनाली। टैंकर फंसने से बारालाचा दर्रे में फंसे लोगों को पुलिस ने बीआरओ की मदद से आधी रात को रेस्क्यू कर लिया है। पुलिस ने बीआरओ के साथ आधी रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और माइनस तापमान में हिम्मत से काम लेते हुए बारालाचा दर्रे में फंसे 37 यात्रियों को रेस्क्यू किया।

इनमें 25 को बारालाचा दर्रे से पार करवाकर दारचा की ओर जिंगजिंगबार बीआरओ के कैम्प में ठहराया जबकि 12 को बारालाचा से पीछे भरतपुर सिटी की ओर केलंग सराय में ठहराया है। सभी को आज दारचा लाने का प्रयास किया जा रहा है। 16 वाहनों को भी सुरक्षित दारचा पहुंचा दिया है। वीरवार सुबह सरचू से चला वाहनों का काफिला बारालाचा दर्रे में फंस गया। मात्र 10 वाहन ही दारचा पहुंच पाए। बारालाचा दर्रे में टैंकर फंसने के कारण अन्य वाहन नहीं आ सके।

शाम को बर्फबारी का दौर शुरू होने से बारालाचा में फंसे लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ गई। हालात को देख लाहुल स्पीति पुलिस ने बीआरओ के जवानों संग रेस्क्यू अभियान चलाया। बर्फ़बारी से दर्रे का तापमान माइनस पर जा लुढ़का। रेस्क्यू ऑपरेशन आधी रात तक चला और सभी 37 यात्रियों को दर्रे से रेस्क्यू कर लिया।

रिकॉर्ड बनाने के लिये बीआरओ ने 28 मार्च को लेह मार्ग बहाल तो कर दिया लेकिन पांच अप्रैल को बर्फ बारी के कारण बन्द हो गया। 12 दिन बाद भी मनाली लेह मार्ग पर वाहनों की आवाजाही सामान्य नहीं हो पाई है। लेह से लाहुल पहुंचे वाहन चालकों की माने तो बीआरओ ने सड़क तो बहाल कर दी है लेकिन कई जगह बर्फ सड़क की हालत बहुत खराब है जिस कारण वाहन फंस रहे हैं। वाहनों की आवाजाही सुचारु करने के लिए बीआरओ को सड़क की हालत सुधारनी होगी।

12 दिनों से दारचा में फंसे वाहन चालकों व मजदूरों की दिक्कत बढ़ गई है। बिहार, झारखंड व नेपाल से रोजी रोटी कमाने आए मजदूर 12 दिनों से दारचा में ही फंसे हैं। लुधियाना से फल फ्रूट लेकर लेह जा रहे ट्रक चालक प्रदीप ने बताया कि वह आठ दिनों से दारचा में फंसे हुए है। सड़क जल्द बहाल नही हुई तो लाखों रुपए के फल फ्रूट दारचा में ही  खराब हो जाएंगे। दारचा में लेह जाने वाले वाहनों की संख्या ढाई सौ हो गई है जिसमें ट्रकों की 1संख्या अधिक है।

एसपी मानव वर्मा ने बताया कि पुलिस व बीआरओ ने मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और लेह से मनाली आ रहे 37 यात्रियों को आधी रात रेस्क्यू कर लिया है। 25 यात्रियों को जिंगजिंगबार और 12 को केलंग सराय में ठहराया गया है। सभी को आज दारचा लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि माईनस 25 डिग्री में काम कर पुलिस व बीआरओ के जवान 37 लोगों की जिंदगी बचाने में सफल रहे हैं। उन्होंने वाहन चालकों से आग्रह किया कि लेह जाने की जल्दबाजी ने करें। बीआरओ को सड़क की हालत सुधारने दें ताकि ट्रैफिक सुचारु हो सके।

बारालाचा दर्रे में मौसम खराब चल रहा है। सुबह के समय टैंकर फंसने से सड़क बाधित हो गई। दोपहर बाद बर्फ बारी का क्रम शुरू हो गया जिस कारण काम करने में बाधा हुई है। बीआरओ सड़क की हालत सुधारने में जुटा हुआ है। बर्फ़ीली हवाएं किनारे के बर्फ को सड़क पर ला रही है जिससे वाहन फंस रहे हैं। सभी से आग्रह है कि बीआरओ को सड़क की हालत ठीक करने दें ताकि ट्रैफिक को सुचारू किया जा सके।2

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