हिमाचल में इस साल रोपे जाएंगे 30 लाख फलदार पौधे
हिमाचल प्रदेश में अब हरे भरे पहाड़ फल भी देंगे। प्रदेशभर में बरसात के मौसम में 30 लाख से अधिक फलदार पौधे रोपे जाएंगे। नर्सरी में पौधे तैयार हो गए हैं। मानसून की दस्तक देते ही वन विभाग विशेष मुहिम चलाएगा।
रमेश सिंगटा, शिमला। हिमाचल प्रदेश में अब हरे भरे पहाड़ फल भी देंगे। प्रदेशभर में बरसात के मौसम में 30 लाख से अधिक फलदार पौधे रोपे जाएंगे। नर्सरी में पौधे तैयार हो गए हैं। मानसून की दस्तक देते ही वन विभाग विशेष मुहिम चलाएगा। इसके तहत युवा हो या बुजुर्ग सब पौधा रोपेंगे। आम और खास सभी को मुहिम का हिस्सा बनाया जाएगा। विधायक से मंत्री तक के हाथों में कुदाली और फावड़े होंगे। इसके लिए वन विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। अभियान के तहत कहां-कहां पौधरोपण होगा, इसका खाका खींचा जा रहा है। जल्द ही हर साल की तरह वन महोत्सव मनाया जाएगा, लेकिन कोरोना काल में इसका स्वरूप बदला हुआ होगा। इस बार यह वर्चुअल माध्यम से आयोजित होगा।
पंच परमेश्वर की रहेगी भागीदारी
इस मुहिम में पंच परमेश्वर यानी पंचायती राज से जुड़े 27 हजार से अधिक प्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका रहेगी। इसके अलावा महिला मंडलों, युवक मंडलों, स्वयंसेवी संस्थानों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी। पूरे अभियान की मोबाइल एप से निगरानी की जाएगी। पहले चरण में कौन कौन साइट रहेगी, उसे चिन्हित किया जा रहा है।
707 नर्सरी हैं प्रदेश में
प्रदेश में 707 नर्सरी हैं। ये 365 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हैं। इनमें हर साल तीन करोड़ पौधे तैयार होते हैं। यहां से राज्यभर में पौधे भेजे जाते हैं। वन विभाग का दावा है कि वह वर्कर के माध्यम से पौधे रोपता है। वन रक्षकों से रेंजर तक सब अपनी भूमिका निभाते हैं।
कब कितने पौधे रोपे
वर्ष,क्षेत्रफल(हेक्टेयर),पौधे
2011-12,13296,14235126
2012-13,14569,16779254
2013-14,12995,14315155
2014-15,12693,16357748
2015-16,11795,14745687
ये हैं योजनाएं
पौधरोपण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने कई योजनाएं आरंभ की है। इनमें विद्यार्थी वन मित्र योजना, सामुदायिक वन संवद्र्धन योजना, वन समृद्धि जन समृद्धि योजना के अतिरिक्त चीड़ की पत्तियों पर आधारित नए उद्योग स्थापित करने, पौधरोपण प्रक्रिया में बेहतरीन योगदान के लिए स्थानीय समुदायों को पुरस्कृत करना शामिल है। लोगों को बालिकाओं के अधिकारों के प्रति जागरूक बनाने, लोगों को पौधरोपण की प्रक्रिया से जोडऩे के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने कुछ समय पहले एक बूटा बेटी के नाम अभियान भी शुरू किया था। इसके तहत बालिका के जन्म के अवसर पर परिवार को पांच पौधे, ट्री गार्ड, बालिका के नाम की पट्टिका और 20 किलो केंचुए की खाद, तकनीकी जानकारी प्रदान की जाती है। कोरोना के कारण विद्यार्थियों की भागीदारी पहले जैसी सुनिश्चित नहीं की जा पा रही है।
हरियाली को बढ़ाने के लिए इस वर्ष भी वन महोत्सव मनाया जाएगा। कोरोना संक्रमण के कारण पेड़ों का महत्व और बढ़ गया है। विभाग 25 से 30 फीसद फलदार पौधे रोपेगा। इसमें लोगों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी, लेेकिन कोविड प्रोटोकाल का पूरा ध्यान रखा जाएगा। नर्सरी में पौधों की कोई कमी नहीं है।
-डा. सविता, पीसीसीएफ।