सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार ओबीसी को मिले 27 फीसद आरक्षण

श्री गुरु रविदास महासभा के प्रदेशाध्यक्ष प्रकाश चंद भाटिया ने प्रदेश के राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि राज्य में समानता लाने के लिए प्रदेश में जाति विहीन व उपनाम विहीन समाज की स्थापना की जाए।

By Richa RanaEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 08:24 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 08:24 AM (IST)
सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार ओबीसी को मिले 27 फीसद आरक्षण
प्रदेश सरकार 18 प्रतिशत आरक्षण देकर ओबीसी वर्ग से अन्याय कर रही है।

गगल, संवाद सहयोगी। श्री गुरु रविदास महासभा के प्रदेशाध्यक्ष प्रकाश चंद भाटिया ने प्रदेश के राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि राज्य में समानता लाने के लिए प्रदेश में जाति विहीन व उपनाम विहीन समाज की स्थापना की जाए। अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित आरक्षण में चल रहे विसंगतियां दूर की जाए।

उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार ओबीसी को मिलने वाले 27 प्रतिशत आरक्षण के स्थान पर प्रदेश सरकार 18 प्रतिशत आरक्षण देकर ओबीसी वर्ग से अन्याय कर रही है। उन्होंने मांग की कि प्रदेश सरकार आरक्षण व्यवस्था में चल रही विसंगतियों को दूर करके इन वर्गों को न्याय प्रदान करें। उन्होंने अपने पत्र में यह भी मांग की है। कि अनुसूचित जातियों के लोगों पर बढ़ रहे अत्याचारों के मामलों पर रोक लगाने हेतु कदम उठाए जाएं। अनुसूचित जातियों के लोगों के खिलाफ अत्याचार अभी भी रूके नहीं है।

21वीं सदी में होने के बावजूद भी यहां पर अनुसूचित जाति के लोगों के साथ अत्याचार हो रहा है। अभी भी उसी भावना से देखा जा रहा है जो कृत्य पूर्व में किए जाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति के उत्थान के लिए कदम उठाए जाए। प्रदेश में जाति विहीन व उपनाम विहीन समाज की स्थापना की जाए। सामाजिक न्याय के लिए यह अति आवश्यक है।

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