राकेश की 25 कनाल भूमि के लिए हुआ था खूनी संघर्ष

उपमंडल कांगड़ा के तहत बीरता में गत सप्ताह जमीन विवाद को लेकर हुए खूनी संघर्ष के मामले में हत्या के केस में गिरफ्तार किए गए सभी नौ आरोपित बुधवार को न्यायालय में पेश किए गए। उन्हें छह दिन के अतिरिक्त पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 10:56 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 10:56 PM (IST)
राकेश की 25 कनाल भूमि के लिए हुआ था खूनी संघर्ष
बीरता में खूनी संघर्ष के बाद सड़क पर उतरे लोग। जागरण आर्काइव

कांगड़ा, जागरण संवाद केंद्र। उपमंडल कांगड़ा के तहत बीरता में गत सप्ताह जमीन विवाद को लेकर हुए खूनी संघर्ष के मामले में हत्या के केस में गिरफ्तार किए गए सभी नौ आरोपित बुधवार को न्यायालय में पेश किए गए। उन्हें छह दिन के अतिरिक्त पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। अब तक हुई पुलिस जांच में मृतक राकेश के स्वजनों ने बताया कि राकेश की 25 कनाल बेशकीमती जमीन के लिए आए दिन लड़ाई होती थी। खूनी संघर्ष भी इसी जमीन के लिए हुआ था।

स्वजनों के अनुसार जमीन बेचने को लेकर राकेश पर दबाव बनाया जा रहा था। अखिल भारतीय वाल्मीकि महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा जिला कांगड़ा के उपाध्यक्ष सुदेश सहोत्रा ने कहा कि राकेश कुमार के हिस्से में आने वाली लगभग 25 कनाल की वह भूमि है जिसकी बाजार की कीमत करोड़ों रुपये है। राकेश कुमार अकेला लगभग 25 कनाल भूमि का मालिक था जो कांगड़ा उपंमडल की पंचायत बीरता के ऐसे क्षेत्रों में है जहां जमीन के दाम करोड़ों रुपये में हैं। आए दिन जमीन के खरीदार मिलते रहते थे परंतु राकेश कुमार अपनी जमीन बेचना नहीं चाहता था।

उन्होंने कहा कि भू-माफिया की नजर भी राकेश कुमार की जमीन पर थी। आए दिन जमीन के सौदे को लेकर अंजान लोग राकेश से मिलने आते थे। उस पर जमीन बेचने को लेकर बड़े लोग दबाव बना रहे थे। इस हत्याकांड में मुख्य आरोपितों की जमीन के साथ भी राकेश कुमार की जमीन का कुछ हिस्सा लगता था। आरोपितों का भी राकेश कुमार से जमीन को लेकर विवाद आए दिन होता रहता था। इस कारण राकेश ने गत 17 जून को कांगड़ा पुलिस थाना में शिकायत पत्र सौंपा था। स्वजनों के बयान के बाद पुलिस राकेश कुमार के राजस्व रिकार्ड का पता करवा रही है कि उसकी जमीन कहां-कहां है और उसके साथ किन लोगों की जमीन लगती है।

सीबीआइ से करवाई जाए मामले की जांच

भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा जिला कांगड़ा के उपाध्यक्ष सुदेश सहोत्रा ने कहा कि इस मामले की सीबीआइ से जांच करवाई जाए। सबसे पहले सरकार को कांगड़ा पुलिस थाना का पूरा स्टाफ बदलना होगा। पुलिस स्टाफ को बदलने के लिए सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है। यदि इस अवधि में पुलिस स्टाफ नहीं बदला गया तो वह कांगड़ा पुलिस थाना के बाहर भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे।

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