उदयपुर में फंसे हैं 175 पर्यटक, लाहुल स्पीति में बादल फटने में आई बाढ़ में बहे 11 लोगों का नहीं मिला सुराग

लाहुल स्पीति के तोजिंग व कुल्लू के ब्रह्मगंगा नाला में बादल फटने से आई बाढ़ में बहे 11 लोगों का कोई सुराग नहीं लग पाया है। तोजिंग व ब्रह्मगंगा नाला में सर्च अभियान के दूसरे दिन रेस्क्यू टीमों को कुछ नहीं मिल पाया। उदयपुर में 175 पर्यटक फंसे हैं।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 09:22 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 09:35 PM (IST)
उदयपुर में फंसे हैं 175 पर्यटक, लाहुल स्पीति में बादल फटने में आई बाढ़ में बहे 11 लोगों का नहीं मिला सुराग
लाहुल-स्पीति में बचाव कार्य में जुटे कर्मचारी। जागरण

जागरण टीम, केलंग/कुल्लू : लाहुल स्पीति के तोजिंग व कुल्लू के ब्रह्मगंगा नाला में बादल फटने से आई बाढ़ में बहे 11 लोगों का कोई सुराग नहीं लग पाया है। तोजिंग व ब्रह्मगंगा नाला में सर्च अभियान के दूसरे दिन रेस्क्यू टीमों को कुछ नहीं मिल पाया। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने जाहलमा व तांदी से कीर्तिंग तक सड़क बहाल कर ली है। काजा मार्ग भी बहाल हो गया है, जबकि बीआरओ लेह मार्ग बहाली के करीब है। लाहुल-स्पीति के उदयपुर में मार्ग बंद होने से प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों के 175 पर्यटक फंसे हैं। इनमें 16 बच्चे, 60 महिलाएं व 99 पुरुष शामिल हैं। उपायुक्त लाहुल स्पीति नीरज कुमार ने प्रदेश सरकार से पर्यटकों का रेस्क्यू करने के लिए हेलीकाप्टर सेवा उपलब्ध करवाने की मांग की है। सभी पर्यटकों को उदयपुर में सुरक्षित ठहराया गया है।

कैंपिंग साइट मैनेजर विनिता के स्वजन कुल्लू पहुंच गए हैं। मंडी जिले के टकोली के वीरवार को तीन चिताएं एक साथ जली, एक शव का अंतिम संस्कार बुधवार देर सायं ही कर दिया था। काजा-केलंग मार्ग बहाल होने से दो दिन से फंसे करीब 150 वाहन व सैकड़ों लोगों ने गंतव्य तक पहुंचने पर राहत की सांस ली। पुलिस, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) व भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) के जवान दिनभर लाहुल-स्पीति के तोङ्क्षजग नाला में मलबे के नीचे शवों की तलाश में जुटे रहे। चंद्रभागा नदी के किनारे सर्च अभियान चलाया गया, लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी। बीआरओ की टीम भी जेसीबी के साथ नाले में बहे अपने चार साथियों की तलाश करती रही। बाढ़ की चपेट में आई बीआरओ की जेसीबी के टुकड़े-टुकड़े हो गए हैं। प्रशासन ने 10 लोगों के बहने का दावा किया था। इनमें सात के शव बरामद हो चुके हैं। तीन की तलाश जारी है। बीआरओ कनिष्ठ अभियंता समेत चार लोगों के लापता होने की बात कर रहा है। इससे तोङ्क्षजग में ही अभी सात लोग लापता हैं।

बीआरओ ने तांदी संसारी मार्ग, उदयपुर से जाहलमा, तांदी से कीर्तिंग तक सड़क बहाल कर दी है। काजा को केलंग व मनाली से जोड़ दिया है। मनाली-लेह मार्ग साकस नाले के पास अभी बंद है, लेकिन बीआरओ ने प्यूकर से बाया कारदंग छोटे वाहनों के लिए बहाल किया है।

कुल्लू जिले की मणिकर्ण घाटी के ब्रह्मगंगा नाले में आई बाढ़ में बहे चार लोगों का कोई सुराग नहीं लग पाया है। सुबह से पुलिस व स्थानीय रेस्क्यू टीमें मणिकर्ण से पंडोह तक लगातार सर्च अभियान में जुटी रही। पुलिस के 15 से 20 जवान भी लापता लोगों की तलाश में जुटे रहे। बाढ़ में बहे लोगों के स्वजन व रिश्तेदार भी दिनभर तलाश में लगे रहे। स्वजन ने चार टीमें बनाई थी। इसमें दो टीमें नदी के दोनों ओर, दो टीमें आगे जाकर सर्च कर रही थी। कुछ लोग लारजी तक पहुंचे, लेकिन देर शाम तक कहीं कोई सुराग नहीं लग पाया। ब्रह्मंगगा निवासी रोशन लाल ने प्रशासन से बहू व पोते का सुराग लगाने की मांग की है। निजी पनविद्युत प्रोजेक्ट ब्रह्मगंगा में कार्यरत वीरेंद्र कुमार की शादी करीब एक साल पहले हुई थी। वीरेंद्र की पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है।

तोंजिंग नाला में लापता लोगों की तलाश में सर्च अभियान दूसरे दिन भी जारी रहा। दिनभर रेस्क्यू टीमें जुटी रहीं, लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी है।

-नीरज कुमार, उपायुक्त लाहुल-स्पीति

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ब्रह्मगंगा नाले में बहे मां-बेटे, कैंङ्क्षपग साइट मैनेजर व पनविद्युत प्रोजेक्ट कर्मी की तलाश की जा रही है। 20 पुलिसकर्मी व स्थानीय लोग सर्च अभियान में लगे हुए हैं। वीरवार को किसी का कोई सुराग नहीं लग पाया।

-आशुतोष गर्ग, उपायुक्त कुल्लू।

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