15 क्विंटल मक्खन से किया मां बज्रेश्वरी का श्रृंगार

संवाद सहयोगी कांगड़ा श्री बज्रेश्वरी देवी मंदिर कांगड़ा में सात दिवसीय घृत पर्व का शुभारंभ

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Jan 2021 09:27 AM (IST) Updated:Fri, 15 Jan 2021 09:27 AM (IST)
15 क्विंटल मक्खन से किया मां बज्रेश्वरी का श्रृंगार
15 क्विंटल मक्खन से किया मां बज्रेश्वरी का श्रृंगार

संवाद सहयोगी, कांगड़ा : श्री बज्रेश्वरी देवी मंदिर कांगड़ा में सात दिवसीय घृत पर्व का शुभारंभ वीरवार को हो गया। मकर संक्रांति पर 15 क्विंटल मक्खन से मां का श्रृंगार किया गया है। इसके अलावा क्षेत्रपाल मंदिर में भी तीन क्विंटल मक्खन चढ़ाया गया है। 20 जनवरी को मक्खन पिंडी से उतारा जाएगा और इसे श्रद्धालुओं में बांट दिया जाएगा। मां के इस दिव्य रूप को देखने के लिए देश-विदेश से कई श्रद्धालु मंदिर पहुंचते हैं।

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देसी घी से ऐसे तैयार करते हैं मक्खन

देसी घी को 101 बार ठंडे पानी में रगड़- रगड़कर मक्खन बनाया जाता है। ठंड के मौसम में पुजारियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। श्री बज्रेश्वरी देवी मंदिर में इस अद्भुत आयोजन को देखने के लिए विदेशों से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं। करीब आठ दिन तक मक्खन बनाने का कार्य चलता है।

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सात दिन तक मां की पिंडी पर रहता है मक्खन

श्री बज्रेश्वरी देवी मां की पिंडी पर मक्खन सात दिन तक रहता है और आठवें दिन इसे उतार लिया जाता है। इसके बाद इस मक्खन को श्रद्धालुओं में प्रसाद के रूप में बांट दिया जाता है। इस मक्खन से चर्म रोगों से मुक्ति मिलती है। देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु इस प्रसाद को लेने के लिए आते हैं।

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शक्तिपीठ है श्री बज्रेश्वरी देवी मंदिर

श्री बज्रेश्वरी देवी मंदिर 52 शक्तिपीठों में से एक है। यहां मां सती का दाहिना वक्ष गिरा था। मंदिर में मां की तीन पिंडियों भद्रकाली, एकादशी व माता बज्रेश्वरी की पूजा की जाती है। मकर संक्रांति पर घृत पर्व वर्षो से मनाया जाता है।

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क्या है घृत पर्व की मान्यता

मान्यता है कि जालंधर दैत्य को मारते समय मां के शरीर पर कई घाव हुए थे। इन घावों को ठीक करने के लिए देवी-देवताओं ने मां के शरीर पर घृत का लेप किया था। देवताओं ने देसी घी को 101 बार ठंडे पानी से धोकर उसका मक्खन बनाया था। इसी उपलक्ष्य में मकर संक्राति पर मक्खन मां की पिंडी पर लगाया जाता है। मक्खन के साथ कई प्रकार के मेवों और फलों की मालाएं भी सुसज्जित की जाती हैं।

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भोले बाबा का भी किया श्रृंगार

संवाद सहयोगी, बैजनाथ : ऐतिहासिक शिव मंदिर बैजनाथ में वीरवार सायं घृत मंडल पर्व पर करीब सवा दो क्विंटल मक्खन से भोले बाबा का श्रृंगार किया गया। मकर संक्रांति पर वर्षों से घृत मंडल का आयोजन किया जा रहा है। मंदिर में वीरवार दोपहर करीब 12 बजे से शिवलिग पर घृत मंडल बनाने का कार्य शुरू हुआ और सायं छह बजे इसे तैयार कर लिया गया। पुजारी धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि घृत मंडल एक सप्ताह तक रहेगा और 21 जनवरी को सुबह चार बजे हटा दिया जाएगा। पुजारी सुरेंद्र आचार्य ने बताया कि इस मक्खन को प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं में बांटा जाता है। इस प्रसाद रूपी मक्खन से चर्म रोगों से राहत मिलती है। लोग सुबह सात से सायं छह बजे तक मंदिर में भोले बाबा के दर्शन कर सकते हैं।

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