जीवीके एंबुलेंस सेवा के 1200 आउटसोर्स कर्मियों की जाएगी नौकरी

हिमाचल प्रदेश में आउटसोर्स पर आपातकालीन सेवाएं दे रहे 1200 एंबुलेेंस कर्मियों की नौकरी खतरे में आ गई है। इन्हें जीवीके कंपनी ने बर्खास्त करने का नोटिस जारी किया है। ये कर्मचारी 108 एंबुलेंस व जननी सुरक्षा योजना के तहत चल रही 102 एंबुलेंस में सेवाएं दे रहे हैं।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 10:12 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 10:57 PM (IST)
जीवीके एंबुलेंस सेवा के 1200 आउटसोर्स कर्मियों की जाएगी नौकरी
108 एंबुलेंस के 1200 आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरी जाएगी।

शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश में आउटसोर्स पर आपातकालीन सेवाएं दे रहे 1200 एंबुलेेंस कर्मियों की नौकरी खतरे में आ गई है। इन्हें जीवीके कंपनी ने बर्खास्त करने का नोटिस जारी किया है। ये कर्मचारी 108 एंबुलेंस व जननी सुरक्षा योजना के तहत चल रही 102 एंबुलेंस में सेवाएं दे रहे हैं।

14 और 16 नवंबर को 102 और 108 एंबुलेंस सेवा के अनुबंध की अवधि समाप्त हो रहे हैं, इसलिए कर्मचारियों को नोटिस जारी किए गए हैं। अब बिहार की पशुपतिनाथ कंपनी 102 और 108 एंबुलेंस सेवा का जिम्मा संभालेगी।

पुरानी कंपनी को निर्धारित नियमों के अनुसार कर्मचारियों को एक माह पहले सेवाएं समाप्त करने का नोटिस देना होता है। इसलिए यह नोटिस जारी किए गए हैं। पशुपतिनाथ कंपनी को अब 102 और 108 एंबुलेंस सेवा का जिम्मा दिया गया है। जीवीके कंपनी के मार्केटिंग व मीडिया प्रभारी अभिषेक भंगालिया ने पुष्टि करते हुए बताया कि 1200 के करीब कर्मचारियों को नोटिस दिया गया है। जीवीके की 102 एंबुलेंस की सेवाएं 14 नवंबर और 108 की सेवाएं 16 नवंबर को समाप्त हो रही हैं।

उल्लेखनीय है कि जीवाईके कंपनी ने इससे पहले 30 जून को कर्मचारियों को निकालने का आदेश जारी कर दिया था। बाद में सरकार के दखल के बाद कर्मचारियों की सेवा को 15 जुलाई तक बढ़ाने का फैसला लिया गया था। हिमाचल प्रदेश में जीवीके एंबुलेंस सेवा ने लोगों को घर-द्वार तक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने में मदद की। प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों के लोगों को सुविधा मिली वहीं हर मौसम में कर्मचारी सजग प्रहरी की भूमिका में दिखे। कोरोना काल में कर्मचारी जान हथेली पर रखकर कर्मी दिन-रात ड्यूटी निभाते रहे।

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