एनसीईआरटी की किताबों से हटेंगी गलतियां, अगले सत्र में बेहतर ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे विद्यार्थी
एनसीईआरटी की किताबों में कई वर्षों से जारी गलतियों में अब सुधार किया जाएगा एनसीईआरटी दिल्ली ने संशोधनों के लिए हामी भरी है।
हमीरपुर, जेएनएन। देश में पढ़ाई जा रही एनसीईआरटी की किताबों में कई वर्षों से जारी गलतियों में अब सुधार होगा। शिक्षाविद विजय हीर की रिपोर्ट को एनसीईआरटी दिल्ली ने स्वीकार करते हुए कई संशोधनों के लिए हामी भरी है और कुछ संशोधन करने के लिए पुस्तक निर्माण समिति व संशोधन समिति को हीर की रिपोर्ट देने का जिक्र अपने पत्र में किया है। सामाजिक शिक्षा विभागाध्यक्ष प्रो. गौरी श्रीवास्तव ने हीर को भेजे पत्र में इसकी पुष्टि की है।
देश के करोड़ों विद्यार्थी इस सत्र में कक्षा छह के सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन पुस्तक के पेज 21, 22 व सातवीं कक्षा की सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन पुस्तक सहित दसवीं की किताबों में अनुसूचित जाति के लिए अब भी दलित शब्द ही प्रयोग हो रहा है। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय, मुंबई उच्च न्यायालय सहित भारत सरकार सामाजिक न्याय व आधिकारिता विभाग ने सभी विभागों को दलित शब्द भविष्य में प्रयोग न करने के आदेश गत वर्ष दिए थे और इसके लिए अनुसूचित जाति शब्द को ही धारा 341 के अंतर्गत मान्य
किया गया था लेकिन एनसीईआरटी ने किताबों से इसे आज तक नहीं हटाया।
इन त्रुटियों को किया गया है उजागर
इतिहासकार जियाउद्दीन बरनी का द्वितीय वृतांत वर्ष 1358 में लिखित इंगित किया है मगर वर्ष 1356 में उनकी मृत्यु हो चुकी थी। पृथ्वीराज तृतीय के काल को अपनी ही किताबों में कहीं 1168-1192 तो कहीं 1175-1192 दर्शाया है और जमाली कमाली मस्जिद वर्ष 1520 में निर्मित बताई है जबकि मुख्य स्त्रोत इसे वर्ष 1528-29 में बनाया हुआ दर्शाते हैं।
मानचित्रों में तेलंगाना का नाम तेलंगाणा लिखा है। दसवीं की आपदा प्रबंधन पुस्तक में कुंभकोणम कांड में मृतकों की संख्या 94 की बजाय 93, चक्रवात में मृतकों की संख्या पांच लाख की बजाय 50 हजार और पेज सात पर दो लाख 30 हजार की बजाय डेढ़ लाख मृत्यु, पेज 33 पर 25 हजार की जगह 30 हजार मृत्यु होने का डाटा भी हीर ने आधिकारिक स्त्रोतों से जांचने के लिए कहा है। सातवीं के इतिहास में पेज 69 पर ग्रीक भविष्यवक्ता व संगीतज्ञ को ग्रीक भगवान लिख दिया है व इसी किताब में पेज 28 पर कोस्टारिका
को उत्तरी अमेरिका की बजाय दक्षिणी अमेरिका में सबसे स्वस्थ राष्ट्र बताया है। दसवीं की विज्ञान की पुस्तक के पेज 88 पर हाइड्रोजन अणु की परिधि 53 पिकोमीटर की जगह 37 पिकोमीटर दी है और नौवीं कक्षा के अंग्रेजी विषय की किताब मोमेंट्स के पेज 54 पर कनाडा की लेखिका जेन गोडिसो को महिला की अपेक्षा पुरुष इंगित करते हुए पहला प्रश्न पूछा गया है।
मैं इससे पूर्व भी तीन हजार से अधिक संशोधन विभिन्न पुस्तकों में सफलतापूर्वक करवा चुका हूं और किताबों को सही तथ्यों से लैस करने की मुहिम अपने दम पर वर्ष 2002 से चला रहा हूं। इन संशोधनों में से अधिकांश स्वीकृत होने की आशा है, जिससे अगले सत्र में विद्यार्थी बेहतर ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे।
-विजय हीर, शिक्षाविद
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