जायका की लघु सिंचाई योजनाएं बनीकिसानों के लिए वरदान
जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी जिले के किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है।
संवाद सहयोगी, महारल : जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी जिले के किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। किसानों का जैविक तरीके से नकदी फसलों की तरफ रुझान बढ़ा है। नकदी फसलों के उत्पादन से किसानों की आर्थिकी मजबूत हो रही है। सरकार भी किसानों को नकदी फसलों के उत्पादन के लिए कई योजनाओं के माध्यम से सहायता प्रदान कर रही है।
हमीरपुर जिले में फसल विविधिकरण के तहत जायका (जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी) द्वारा लघु सिचाई योजनाओं का निर्माण कर किसानों को जैविक खेती के तरीके सिखा रही है। उपमंडल बड़सर में करीब छह लघु सिचाई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं से क्षेत्र के किसानों को सिचाई की सुविधा उपलब्ध हुई है। क्षेत्र के किसान गेंहू, मक्की, गन्ना आदि फसलों के साथ-साथ अब नकदी फसलें भी उगा रहे हैं। किसान नकदी फसलें बाजार में बेचकर अच्छी आमदनी कमा रहे हैं।
उपमंडल बड़सर की ग्राम पंचायत समेला के गांव चलैली में दर्जनों किसान नकदी फसलों में टमाटर, मटर, खीरा, आलू, प्याज, गोभी, शिमला मिर्च, भिंडी, घिया, कद्दू आदि उगा रहे हैं। सरकारी नौकरी की आस छोड़ चुके युवा भी अब घर में ही खेती की तरफ ध्यान दे रहे हैं। क्षेत्र के किसानों का कहना है की नकदी फसलों से उनकी आर्थिकी मजबूत हुई है। उन्हें सबसे ज्यादा दिक्कत फसलों की सिचाई के लिए पानी की होती थी, लेकिन जायका ने लघु सिचाई योजना का निर्माण कर उनकी दिक्कत हल कर दी है।