सेवानिवृत्ति के बाद खेतीबाड़ी में कमाया नाम
जागरण संवाददाता हमीरपुर सुजानपुर क्षेत्र के पूर्व सैनिक ने करीब तीन दशकों तक सीमाओं क
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : सुजानपुर क्षेत्र के पूर्व सैनिक ने करीब तीन दशकों तक सीमाओं की रक्षा करने के बाद अब कृषि के माध्यम से प्राकृतिक खेती कर देश सेवा का कार्य आगे बढ़ाया है। इसमें उनकी सहायक बनी है प्रदेश सरकार की प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना। जी हां बात हो रही है री क्षेत्र के जलेर गांव निवासी रतन चंद की। 62 वर्षीय रतन चंद का गांव विकास खंड सुजानपुर से 18 किमी. की दूरी पर स्थित है। रतन चंद 2003 में सेवानिवृत्त हुए। उसके पश्चात पुश्तैनी जमीन पर खेतीबाड़ी का कार्य प्रारंभ किया। फसलों की सिचाई के लिए उन्होंने नाले के पानी को पंप से उठा कर एक टैंक में इकट्ठा करके उचित समय पर प्रयोग में लाया और पानी के बचाव के लिए ड्रिप व स्प्रिंक्लर सिचाई की विधि अपनाई। सेवानिवृत्ति के बाद से ही इन्होंने कृषि को प्राथमिकता दी और इसे व्यवसाय के रूप में ग्रहण किया।
रतन चंद ने वर्ष 2018 में कृषि विभाग (आत्मा), विकास खंड सुजानपुर से पद्मश्री सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती संबंधी प्रशिक्षण की जानकारी प्राप्त की। इसके तहत छह दिन का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद इसी विधि से खेतीबाड़ी शुरू की। उनके पास लगभग 20 कनाल जमीन है, जिसमें से पांच कनाल में वे सब्जी व अनाज वाली फसलों का उत्पादन करते हैं। इनमें खीरा, करेला, घिया, मटर, शलगम, आलू, लहसुन, अदरक, गेहूं, चना, सरसों इत्यादि शामिल हैं। भिंडी, मक्की, माश, तिल की फसल के साथ-साथ इन्होंने खेत में नींबू, गलगल, आम, अनार इत्यादि के पौधे भी लगाए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को सरकार की योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए। सेना में कार्यरत सैनिक ने सेवानिवृत्त होकर प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना को अपनाकर अपने जीवन को सुंदर बनाने का कार्य शुरू किया हैं इससे हर किसान को प्रेरणा लेकर इसी तरह आगे बढ़ना चाहिए।
- देबाश्वेता बानिक, उपायुक्त हमीरपुर।