सही सैंपलिंग से सामने आए कोरोना के मामले
कोरोना महामारी में हर नागरिक का रखा है ख्याल - हरिकेश मीणा
कोरोना महामारी के चलते हमीरपुर जिला के हर नागरिक को स्वस्थ व सुरक्षित रखने के लिए सरकार की हर योजना पर गंभीरता से कार्य किया जा रहा है। इसमें सफलता भी मिली है। जिला के शहर व गांव कोरोनामुक्त हैं। अन्य राज्य से आने वाले लोगों में ही कोरोना के लक्षण निकले हैं। रेड जोन से आने वालों को संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर में ही रखा गया। ग्रीन व ऑरेंज जोन से आने वाले लोगों को होम क्वारंटाइन किया गया और समय-समय पर उन पर नजर रखी गई। यह बात उपायुक्त हमीरपुर हरिकेश मीणा ने रणवीर ठाकुर से कर्फ्यू के अढ़ाई माह पूरे होने के बाद कही। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश :
-कोरोना महामारी से जंग कैसे लड़ी ?
अढ़ाई माह के कर्फ्यू में न दिन दिखा न रात देखी। परिवार से दूर रहकर हमीरपुर की जनता का दुख-दर्द बांटा। पहले लॉकडाउन से लेकर अब तक लोगों की कठिनाईयां दूर की। हर स्तर पर लोगों को कोरोना से बचाने के लिए हर कदम मजबूती से बढ़ाया।
-कोरोना के एकदम पड़े संकट से कैसे उभरे?
जनता के सहयोग से कोरोना महामारी से लड़ने के लिए हर स्तर आगे बढ़ते गए। जनता का पूर्णबंदी व लॉकडाउन के दौरान प्रशासन को काफी सहयोग मिला, जिसकी बदौलत शहर व गांव की जनता कोरोनामुक्त है।
-क्वारंटाइन सेटरों व बफर जोन में लोगों की कठिनाई कैसे दूर की?
अन्य राज्यों से आने वाले लोगों को पहले ही योजनाबद्ध तरीके से संस्थागत सेटरों में क्वारंटाइन किया गया। क्वारंटाइन सेंटरों में रहने से लेकर खाने तक की सुविधा बेहतर प्रदान की गई, ताकि आसपास के बफर जोन में भी लोगों को कठिनाई न हो सके।
-हमीरपुर में कोरोना के मरीजों की संख्या ज्यादा होने क्या वजह है?
मैंने स्वास्थ्य विभाग के साथ बैठक कर पहले ही दिशानिर्देश जारी किए थे कि अन्य राज्यों से हमीरपुर आने वाले हर महिला, पुरुष व बच्चे का सैंपल शीघ्र लिया जाए, ताकि हमें असलियत का जल्दी पता चल सके। सैंपल लेने की गति को तेज किया। तीन एंबुलेंस की जगह तीन नए एंबुलेंस तैयार कर हर उपमंडल पर तेजी से सैंपल लिए और पूरी स्थिति स्पष्ट हुई जिससे अब धीरे-धीरे कोरोना के बादल छंट रहे हैं और स्वस्थ होकर लोग अपने घरों में जा रहे हैं।
-कोरोना मरीजों के नेगेटिव से पॉजिटिव आने व घर भेजने की असलियत क्या है?
हमीरपुर में 15 कोरोना मरीजों के पॉजिटिव आने की हकीकत को हर नागरिक को समझना चाहिए। सैंपलों की रिपोर्ट नेगेटिव आए तो उस व्यक्ति भी होम क्वारंटाइन में भेजा जाता है और स्वजनों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वह उन्हें 14 दिन तक होम क्वारंटाइन कर जिस तरह से प्रशासन ने उनका ख्याल रखा वैसे रखें। तभी कोरोना से जंग जीती जा सकती है। समाज में सनसनी फैलाना आसान है, लेकिन फील्ड में काम करना कठिन होता है। हर पल यही कोरोना संक्रमित को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि घर पर रहें और अकेले रहें।
-लॉकडाउन के चलते कर्फ्यू भी जारी रखा इसका संदर्भ क्या है?
अन्य राज्यों से 14376 लोग हमीरपुर पहुंचे हैं। 229 पंचायतों में 238 क्वारंटाइन सेंटरों में उन्हें ठहराया गया है। आइसोलेशन सेंटर अलग बनाए हैं। लोगों को सुरक्षित रखने के लिए शक्तियों का प्रयोग सरकार के दिशा निर्देशों के मुताबिक किया है, ताकि सभी स्वस्थ रहें।