स्कूल सुरक्षा के लिए उपयुक्त बजट दे सरकार

जागरण संवाददाता हमीरपुर सुप्रीम कोर्ट स्कूलों की सुरक्षा के मामलों की निगरानी कर रहा ह

By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 05:59 PM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 05:59 PM (IST)
स्कूल सुरक्षा के लिए उपयुक्त बजट दे सरकार
स्कूल सुरक्षा के लिए उपयुक्त बजट दे सरकार

जागरण संवाददाता, हमीरपुर : सुप्रीम कोर्ट स्कूलों की सुरक्षा के मामलों की निगरानी कर रहा है। प्रदेश में स्कूलों की सुरक्षा के लिए बकायदा स्कूल सेफ्टी आडिट करवाने के आदेश जारी किए गए हैं। ऐसे में आडिट में सामने आ रही कमियों को दूर करने के लिए स्कूलों को आवश्यक अनुदान प्रदान किया जाए। यह मांग राजकीय टीजीटी कला संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल, महासचिव विजय हीर व कार्यकारिणी ने प्रदेश सरकार से की है।

विजय हीर ने कहा कि स्कूलों में सुरक्षा के लिए आडिट संरचनात्मक और दूसरा गैरसंरचनात्मक तरह से होगा। स्कूलों के संरचनात्मक आडिट में देखा जाएगा कि स्कूल का जो भवन है वह कितना मजबूत है। प्राकृतिक आपदा जैसे भूकंप, आग, बाढ़ इत्यादि के लिए स्कूल भवन की नींव कितनी मजबूत है। स्कूल भवन की छत में लकड़ी का जो प्रयोग किया गया है ,वह पुरानी तो नहीं हो चुकी है। इसमें सुधार के लिए क्या कार्य किए जा सकते हैं। भवन की दीवार को मजबूती देने के लिए क्या करना चाहिए। गैर-संरचनात्मक आडिट में यह जांचा जाएगा कि स्कूल भवन में फेंसिग है या नहीं, जो जंगले लगे हैं वह पुराने व गिरने की स्थिति में तो नहीं है। स्कूल में कोई ऐसा स्थान तो नहीं है जो खतरे को न्योता दे रहा हो। इन सभी चीजों को देखा जाएगा।

जिला उपनिदेशकों ने स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि वह राज्य लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों से संपर्क साधकर यह आडिट करवाएंगे। आडिट करवाने के बाद स्कूल सेफ्टी का सर्टिफिकेट भी उक्त अधिकारी से लेंगे।

वहीं प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला में सोमवार को आयोजित कार्यशाला में टर्म परीक्षाओं के संदर्भ में राजकीय टीजीटी कला संघ ने 11 सूत्रीय सुझाव सौंपे। इसका प्रतिवेदन विजय हीर ने शिक्षा बोर्ड और अन्य संघों से साझा किया। संघ ने नई शिक्षा नीति को लागू करते हुए परीक्षा पद्धति सरल बनाने व नए प्रयोग सत्र के शुरू और निर्देश से अधिसूचित करने की बात कही। एफए -एक के कक्षा तीसरी से पांचवीं के अंक 25 तय हैं या 15, ये स्पष्ट करने के लिए कहा गया और कक्षा तीसरी, पांचवीं व आठवीं का पेपर भी आधे पाठ्यक्रम से डालने की अपील की गई।

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