थर्मल स्क्रीनिंग के बाद कॉलेज में मिला प्रवेश

विधि चंद हमीरपुर लॉकडाउन में बंद रहे कॉलेज लंबे अंतराल के बाद सोमवार से खुल गए। इस दौरान स्व

By JagranEdited By: Publish:Mon, 08 Feb 2021 07:12 PM (IST) Updated:Mon, 08 Feb 2021 07:12 PM (IST)
थर्मल स्क्रीनिंग के बाद कॉलेज में मिला प्रवेश
थर्मल स्क्रीनिंग के बाद कॉलेज में मिला प्रवेश

विधि चंद, हमीरपुर

लॉकडाउन में बंद रहे कॉलेज लंबे अंतराल के बाद सोमवार से खुल गए। इस दौरान स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग की ओर से जारी एसओपी का पूरा ध्यान रखा गया। कॉलेज आने वाले विद्यार्थियों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई, जिसके बाद ही विद्यार्थियों को कॉलेज में प्रवेश दिया गया। जिले के कॉलेजों में प्रिंसिपल और शिक्षकों द्वारा तैयार किए गए माइक्रो प्लान के हिसाब से कक्षाएं लगाई गई। आगे भी इसी आधार पर ही विद्यार्थियों को कॉलेजों में बुलाया जाएगा। विद्यार्थियों की अधिक संख्या वाले कॉलेजों में एक दिन छोड़कर या सुबह-शाम के सत्र में कक्षाएं लगाई जा सकती हैं। थर्मल स्क्रीनिंग व सैनिटाइजर की व्यवस्ता

नेताजी सुभाष चंद्र बोस राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय हमीरपुर की प्रधानाचार्य डा. अंजु सहगल ने बताया कि लंबे अंतराल के बाद सोमवार को कॉलेज खुले हैं। पहले दिन काफी संख्या में बच्चे कॉलेज पहुंचे। कक्षाओं में भी शारीरिक दूरी के नियम का ध्यान रखा गया। महाविद्यालय में प्रवेश के समय विद्यार्थियों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। इसके साथ ही सैनिटाइजर की भी व्यवस्था भी की गई थी। मास्क पहनना सभी के लिए अनिवार्य है। कैंपस में एक साथ विद्यार्थियों को समूह बनाकर बैठने या खड़े होने पर रोक रहेगी। चित्र:11

ऑनलाइन पढ़ाई और महाविद्यालयों

में नियमित कक्षाओं में बड़ा अंतर है। दो दिन बाद फिर कक्षा में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाना महाविद्यालय प्रशासन का बेहतरीन निर्णय है जो छात्रों के स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण है।

विशाल, बीकॉम तृतीय वर्ष चित्र:12

कॉलेज प्रशासन ने विद्यार्थियों के हित में सही निर्णय लिया है। कॉलेज की पढ़ाई व ऑनलाइन पढ़ाई में बड़ा अंतर है। कोरोना से बचाव के नियमों का पालन किया जाएगा।

अभिषेक ठाकुर चित्र:13

इतने लंबे अंतराल के बाद कॉलेज आना काफी अच्छा लग रहा है। ऑनलाइन शिक्षा के दौरान डॉट्स को क्लीयर करने को लेकर शिक्षकों से रूबरू होने का भी विशेष महत्व है। महाविद्यालय कैंपस में पहुंचने से वह उत्साहित हैं।

ईशा, बीएससी प्रथम वर्ष चित्र 14

महाविद्यालय में रहकर पढ़ाई करना एक अलग ही अनुभव होता है। शिक्षकों का डर ही विद्यार्थियों को मजबूत बनाता है। कोरोना काल में छूट गई पढ़ाई को कवर करना काफी कठिन होगा।

कनु प्रिया, बीएससी द्वितीय वर्ष।

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