प्राकृतिक खेती से जुड़ने लगे हमीरपुर के युवा

सुभाष पालेकर के विचारों को जानने के बाद प्राकृतिक खेती की ओर रुझान बढ़ा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 05:17 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 05:17 PM (IST)
प्राकृतिक खेती से जुड़ने लगे हमीरपुर के युवा
प्राकृतिक खेती से जुड़ने लगे हमीरपुर के युवा

जागरण संवाददाता, हमीरपुर : सुभाष पालेकर के विचारों को जानने के बाद प्राकृतिक खेती की ओर रुझान बढ़ा। यह कहना है प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना से जुड़े 39 वर्षीय अमिश कुमार का। अमिश कुमार गांव घुमारवीं, डाकघर लगमन्वीं के स्थायी निवासी हैं। उन्होंने देसी गाय खरीदी और सुभाष पालेकर प्राकृतिक विधि से कार्य करना प्रारंभ कर दिया। पूरा परिवार इस खेती में रुचि लेने लगा। वह 10 कनाल भूमि में सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। उन्होंने अदरक, करेला, लौकी, बैंगन, भिडी, मक्की, उड़द, सोयाबीन आदि फसलें उगाई थीं। बागवानी में नींबू, अनार, आम, अमरुद, लिची आदि के फलदार पौधे हैं। उन्होंने अपने गांव के बहुत किसानों को इस परियोजना से जोड़ दिया है। संगीत विधा में पारंगत अमिश कुमार खेत-खलिहान से जुड़कर खुश हैं।

विशेष तौर पर प्राकृतिक खेती करने से उन्हें अलग सा सुकून मिलता है। वे कहते हैं कि सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती तकनीक समय की जरूरत है। प्रदेश सरकार द्वारा इसके अंतर्गत प्रशिक्षण शिविर, प्रदर्शन प्लाट, फार्म स्कूल, कृषक समूह, किसान मेला, किसान गोष्ठी, भ्रमण आदि का आयोजन करवाया जाता है। इस तकनीक को बढ़ावा देने में सरकार के सराहनीय प्रयासों से उनकी राह और भी आसान हो गई है।

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कृषि विभाग (आत्मा) भोरंज द्वारा उन्हें मक्की, सोयाबीन, तिल का प्रदर्शनी प्लांट भी दिया गया था। विभाग की ओर से उनको गाय, फर्श पक्का करने, संसाधन भंडार के लिये अनुदान दिया गया है। एटीएम, बीटीएम ने भी समय-समय पर जाकर इनका मार्गदर्शन किया।

- डा. नीति सोनी, परियोजना निदेशक (आत्मा )

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प्राकृतिक खेती से युवा जुड़ रहे हैं । सरकार की योजनाओं का लाभ युवाओं को मिले, ऐसा प्रयास किया जा रहा है। कृषि की ओर युवाओं का झुकाव बढ़ने लगा हैं जिसके चलते युवाओं को प्राकृतिक खेती से जुड़ने के लिए कृषि विभाग व प्रशासन हरसंभव मदद करेगा।

देवश्वेता बनिक, उपायुक्त हमीरपुर ।

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