भर्तियों में अनियमितता पर पूर्व निदेशक समेत 13 अधिकारी दोषी

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) हमीरपुर के पूर्व निदेशक समेत 13 अधिकारियों को दोषी करार दिया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 05 Apr 2021 09:09 PM (IST) Updated:Mon, 05 Apr 2021 09:09 PM (IST)
भर्तियों में अनियमितता पर पूर्व निदेशक समेत 13 अधिकारी दोषी
भर्तियों में अनियमितता पर पूर्व निदेशक समेत 13 अधिकारी दोषी

जागरण संवाददाता, हमीरपुर : राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) हमीरपुर के पूर्व निदेशक प्रो. विनोद यादव के कार्यकाल में हुई भर्तियों में बरती गई अनियमितता का कड़ा संज्ञान लिया गया है। फैक्ट फाइंडिग कमेटी की रिपोर्ट में प्रो. विनोद यादव समेत 13 अधिकारी दोषी करार दिए गए हैं। तत्कालीन पदाधिकारियों में से दो कुलसचिव समेत एक डीन संकाय कल्याण को तीन वर्ष तथा नौ विभिन्न विभागाध्यक्षों को एक वर्ष के लिए प्रशासनिक पद देने पर प्रतिबंध लगा दिया है। एनआइटी हमीरपुर में सोमवार को हुई बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक में फैक्ट फाइंडिग कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई।

एक अन्य तत्कालीन कुलसचिव सुनंद कुमार को चेतावनी दी गई है। उनके पास करीब 25 दिन तक कुलसचिव का कार्यभार था। जिन तत्कालीन कुलसचिव व विभागाध्यक्षों पर कार्रवाई हुई है, उनके पद छीन लिए गए थे। वे एनआइटी हमीरपुर में तैनात हैं। शिक्षा मंत्रालय के निर्देशानुसार संस्थान ने नवंबर 2020 में तीन सदस्यीय फैक्ट फाइंडिग कमेटी का गठन किया था। इसकी रिपोर्ट बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की पिछली बैठकों में प्रस्तुत की गई। इसके आधार पर ही कार्रवाई की गई। एनआइटी हमीरपुर में सहायक प्रोफेसरों की नियुक्तियों के दौरान पूर्व निदेशक व उनकी टीम पर नियमों को दरकिनार कर अनियमितताएं बरतने और भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। मंत्रालय के हरकत में आने के बाद बोर्ड के चेयरमैन ने एनआइटी में तीन दिन छानबीन की थी। इसकी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंप दी गई थी। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी इस मामले पर कड़ा संज्ञान लेते हुए मंत्रालय के मंत्री से आवश्यक कार्रवाई करने का आग्रह किया था। एनआइटी प्रयागराज के निदेशक को भेजी रिपोर्ट पिछले वर्ष हटाए गए एनआइटी हमीरपुर के पूर्व निदेशक प्रो. विनोद यादव के कार्यकाल में नियुक्तियों में अनियमितताएं बरती गई थीं। प्रो. विनोद यादव एनआइटी प्रयागराज में प्रोफेसर तैनात हैं। फैक्ट फाइंडिग कमेटी की रिपोर्ट को सभी आवश्यक दस्तावेजों सहित शिक्षा मंत्रालय तथा प्रो. विनोद यादव के मूल संस्थान एनआइटी प्रयागराज के निदेशक को आवश्यक कार्रवाई के लिए संस्थान द्वारा भेज दिया गया है। ये हुए तीन साल के लिए प्रतिबंधित

वर्ष 2018 से जनवरी 2020 तक कुलसचिव रहे प्रो. सुशील चौहान व लगभग दो साल तक डीन संकाय कल्याण रहे प्रो. सुनील को तीन साल के लिए प्रतिबंधित किया गया है। प्रो. सुनील कुलसचिव भी रहे हैं। ये हुए एक साल के लिए प्रतिबंधित विभागाध्यक्ष प्रो. सुनंद कुमार, प्रो. नरेंद्र सिंह ठाकुर, प्रो. भानु मारवाह, डा. रमेश कुमार वत्स, डा. सुरेंद्र कुमार सोनी, डा. विजय शंकर, डा. कमलेश दत्ता, डा. जाकिर हुसैन तथा डा. भारती गौड़ को एक साल के लिए प्रतिबंधित किया गया है।

--------------- एनआइटी में भर्तियों में अनियमितता पर संस्थान की बेहतरी के लिए बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक में कठोर निर्णय लिए गए हैं।

-योगेश गुप्ता, कुलसचिव, एनआइटी हमीरपुर

chat bot
आपका साथी