सरकार तैयार करेगी नेशनल बिजनेस रजिस्टर
सिर्फ सरकारी क्षेत्र के नौकरी करने वाले ही नहीं, बल्कि निजी क्षेत्रों के काम करने वालों का रिकार्ड भी केंद्र सरकार के पास होगा। इसके लिए केंद्र सरकार सभी राज्यों के साथ समन्वय स्थापित कर नेशनल बिजनेस रजिस्टर तैयार करेगी। एक साल के भीतर सभी राज्यों का रजिस्टर तैयार कर लिया जाएगा।
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : सिर्फ सरकारी क्षेत्र में नौकरी करने वाले ही नहीं, बल्कि निजी क्षेत्रों में काम करने वालों का रिकार्ड भी केंद्र सरकार के पास होगा। इसके लिए केंद्र सरकार सभी राज्यों के साथ समन्वय स्थापित कर नेशनल बिजनेस रजिस्टर तैयार करेगी। एक साल मे सभी राज्यों का रजिस्टर तैयार कर लिया जाएगा। इस रजिस्टर में हर व्यक्ति के काम एवं व्यवसाय का रिकार्ड होगा। किस परिवार को कौन सदस्य नौकरी कर रहा है, कौन सरकारी, सुनार, लोहार और अन्य काम कर रहा है यह पूरा ब्योरा रजिस्टर में होगा। कुल मिलाकर इस दो दिवसीय सम्मेलन में एनआरसी समेत नेशनल बिजनेस रजिस्टर सहित सांख्यिकी को मजबूत करने पर चर्चा हुई और इसके बाद तैयार हुए मसौदा को अमलीजामा पहनाने के लिए एवं स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार के समक्ष रखा जाएगा।
भारत सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा आयोजित केंद्रीय व राज्यों के सांख्यिकीय संगठनों (सीओसीएसएसओ) के 26वें दो दिवसीय सम्मेलन का शुक्रवार को समापन हो गया। सम्मेलन के सुबह के सत्र में नेशनल बिजनेस रजिस्टर पर चर्चा की गई। इस दौरान हिमाचल प्रदेश सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त, अर्थशास्त्र और सांख्यिकी) अनिल कुमार खाची और अतिरिक्त महानिदेशक (आर्थिक सांख्यिकी) टीके बासु ने सांख्यिकी प्रणाली की मजबूती को लेकर विचार व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि सम्मेलन का इस बार का मुख्य विषय 'सरकारी आंकड़ों में गुणवत्ता आश्वासन' है। इसमें देशभर के सांख्यिकीविद और अर्थशास्त्री भाग ले रहे हैं।
दूसरे सत्र में सरकारी आंकड़ों में गुणवत्ता पर चर्चा की गई। दो दिवसीय सम्मेलन के देश में सांख्यिकीय प्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के मध्य बेहतर तालमेल के महत्व को रेखांकित किया। इसके अलावा मंत्रालय एक राष्ट्रीय डाटा वेयरहाउस स्थापित करने के लिए प्रयास कर रहा है जो देश में सरकारी आंकड़ों के कोष की तरह होगा। इसके लिए देशभर में तीन अलग-अलग प्रकार के सर्वे किए जांएगे, तथ इसे 2019 में पूरे देश में लागू किया जाएगा। इसके लिए उच्चस्तरीय स्टैंडिंग कमेटी के गठन को मंजूरी दी गई है। वक्ताओं ने कहा कि आंकड़ों को दुरुस्त करना सुशासन का ही एक प्रकार है। राष्ट्रीय डाटा वेयरहाउस से देश के योजनाकारों को हर वर्ग के लोगों के लिए सही योजनाएं बनाने में सहायता मिलेगी।