सुविधा पर भारी पड़ी लाचारी

जागरण संवाददाता धर्मशाला डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा में सराय निर्मा

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Jul 2020 08:53 PM (IST) Updated:Tue, 07 Jul 2020 06:17 AM (IST)
सुविधा पर भारी पड़ी लाचारी
सुविधा पर भारी पड़ी लाचारी

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा में सराय निर्माण कार्य 1.31 करोड़ रुपये की देनदारी ने रोक दिया है। लोक निर्माण विभाग की ड्राइंग के मुताबिक चार मंजिला भवन का निर्माण कर तीमारदारों को रहने के लिए सुविधा दी जानी थी। दो मंजिला भवन के निर्माण में दो करोड़ 50 लाख रुपये खर्च होने थे। इसमें तीमारदारों को 50 बिस्तर की सुविधा मिलनी थी। कार्य ठेकेदार ने पूरा कर दिया है और रंग रोगन का ही काम बचा है। ठेकेदार को 89 लाख रुपये तक का ही भुगतान हो सका है। ऐसे में उसने आगे का काम रोक दिया है।

चार साल से सराय का इंतजार कर रहे मरीजों व तीमारदारों को इस सुविधा के लिए अभी वक्त लगेगा। अस्पताल प्रबंधन ठेकेदार को बजट उपलब्ध नहीं करवा सका है। ऐसे हालात में तीमारदार सर्दी, गर्मी व बरसात के मौसम में फर्श पर रात गुजारने के लिए मजबूर हैं। निर्माणाधीन सराय के काम को पूरा होने में अभी छह माह का वक्त और लगेगा। बहुमंजिला इमारत का काम दो मंजिलों तक ही सिमट गया है।

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2016 में रखी थी सराय की नींव

पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने 19 अप्रैल, 2016 को दो सांसदों की मौजूदगी में सराय की आधारशिला रखी थी। वर्ष 2017 में भारत हैवी इलेक्ट्रिक लिमिटेड कंपनी ने स्वीकृत राशि में से 89 लाख रुपये की पहली किस्त जारी की थी। लोनिवि ने दो करोड़ पचास लाख रुपये का टेंडर फरवरी 2018 में आमंत्रित कर ठेकेदार को कार्य दिया। दो मंजिला सराय भवन का काम दो साल में पूरा होना था। ठेकेदार ने भुगतान न होने से काम ही बंद कर दिया है।

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दो मंजिला सराय के लिए दो करोड़ पचास लाख रुपये खर्च होने का अनुमान था। अस्पताल प्रशासन ने 89 लाख की राशि जारी की थी। इसके बदले ठेकेदार ने 2.20 करोड़ का निर्माण कार्य कर दिया है लेकिन ठेकेदार को 89 लाख रुपये ही जारी हुए हैं। इस कारण अब ठेकेदार ने काम बंद कर दिया है।

-सुरेश वालिया, अधिशाषी अभियंता,

लोनिवि मंडल टांडा

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सराय का काम बंद है। बजट बाबत सरकार को पत्र लिखा है। जैसे ही रुपये मिलेंगे, ठेकेदार को भुगतान कर दिया जाएगा। प्रयास यही है कि चार मंजिला भवन बने ताकि लोगों को ठहरने की सुविधा मिल सके।

-डॉ. भानू अवस्थी, प्राचार्य टांडा मेडिकल कॉलेज

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