स्वयं सहायता समूहों के आएंगे अच्छे दिन

जिला कांगड़ा के स्वयं सहायता समूहों के जल्द ही अच्छे दिन आएंगे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 13 Mar 2020 10:17 PM (IST) Updated:Sat, 14 Mar 2020 06:16 AM (IST)
स्वयं सहायता समूहों के आएंगे अच्छे दिन
स्वयं सहायता समूहों के आएंगे अच्छे दिन

संवाद सहयोगी, धर्मशाला

जिला कांगड़ा के स्वयं सहायता समूहों के जल्द अच्छे दिन आएंगे। जिला प्रशासन मुख्यमंत्री ग्रामीण कौशल विकास योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों व युवाओं को पारंपरिक उत्पादों को बेहतर तरीके से तैयार करने के लिए प्रशिक्षण देने की तैयारी में जुट गया है। इससे इन उत्पादों की बिक्री में भी इजाफा हो सके। इससे स्वयं सहायता समूहों की आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी। धर्मशाला ब्लॉक के तहत स्वयं सहायता समूह बगली के उत्पादों को पहले ही नमस्ते धर्मशाला के तहत पहचान दिलाई जा चुकी है। इस समूह की महिलाओं के उत्पाद राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले सरस मेलों में भी खूब बिके हैं। उपायुक्त कार्यालय में भी समूह के उत्पादों की बिक्री के लिए स्थान मुहैया करवाया है। बीडीओ को समूहों की सूची तैयार करने के निर्देश

जिला प्रशासन ने विकास खंड अधिकारियों को प्रशिक्षण लेने के इच्छुक स्वयं सहायता समूहों की सूची तैयार करने को कहा है। इसके अलावा निर्देश दिए हैं कि किस क्षेत्र में कौन से पारंपरिक उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं, इसकी भी जानकारी उपलब्ध करवाएं। इन उत्पादों का दिया जाएगा प्रशिक्षण

बांस के उत्पाद, पीतल के बर्तन, पोल्ट्री, चंबा रूमाल, कांगड़ा चित्रकला, आम की प्रोसेसिग, पतल बनाना इत्यादि पारंपरिक उत्पाद हैं। इन्हें और बेहतर बनाने के लिए विशेषज्ञों के माध्यम से प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। उत्पादों की ब्रांडिग व बाजार उपलब्ध करवाने के लिए भी उचित कदम उठाए जाएंगे।

उपायुक्त ने की योजना की समीक्षा

मुख्यमंत्री ग्रामीण कौशल विकास कार्यक्रम को लेकर उपायुक्त ने बैठक कर समीक्षा की। उन्होंने बीडीओ समेत मौजूद तमाम अधिकारियों को उक्त योजना का लाभ स्वयं सहायता समूहों तक पहुंचाने के लिए दिशानिर्देश दिए। -----------

मुख्यमंत्री ग्रामीण कौशल विकास कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की जा रही है। इसके तहत स्वयं सहायता समूहों के लिए प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।

-अश्वनी शर्मा, जिला पंचायत अधिकारी कांगड़ा।

पारंपरिक उत्पादों के निर्माण में स्वरोजगार की असीम संभावनाएं हैं। इन्हीं संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए स्वयं सहायता समूहों और युवाओं के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है।

-राकेश प्रजापति, उपायुक्त कांगड़ा।

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