न कायदा न कानून, पैसे कमाने का है जुनून

रोमांच के खेल पैराग्लाइडिग के लिए विश्व की खूबसूरत साइट बीड़ बिलिंग

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 08:51 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 08:51 PM (IST)
न कायदा न कानून, पैसे कमाने का है जुनून
न कायदा न कानून, पैसे कमाने का है जुनून

मुनीष गारिया, धर्मशाला

रोमांच के खेल पैराग्लाइडिग के लिए विश्व की खूबसूरत साइट बीड़ बिलिंग के साथ धर्मशाला के चौहला में स्थित इंद्रुनाग साइट भी है। हालांकि बीड़ बिलिग की तरह इंद्रुनाग में कोई प्रतियोगिता तो नहीं होती, लेकिन यहां पर्यटकों के लिए टेंडम फ्लाइंग का प्रबंध है। पर्यटन सीजन के दौरान इन साइट पर काफी भीड़ रहती है और पैराग्लाइडर मालिकों के साथ पायलट काफी पैसा कमाते हैं।

इसके बावजूद इस साइट पर किसी नियम या कानून का पालन नहीं होता है। पैराग्लाइडर पायलट को उड़ान के समय धक्का देने वाले ऐसे लोग होते हैं, जिन्हें कोई प्रशिक्षण प्राप्त नहीं होता। ऐसे लोग न पर्यटन विभाग के पास पंजीकृत होते हैं और न पैराग्लाइडिग एसोसिएशन के सदस्य होते हैं। ऐसे लोग कई बार साइट पर हादसों का कारण बनते हैं। इंद्रुनाग साइट पर तीन साल में दो लोगों की गिरकर मौत हो चुकी है। दोनों हादसों में यह लोग पायलट को उड़ान के समय धक्का देते वक्त पैराग्लाइडर में फंस गए थे। इसमें धर्मशाला के दाड़नू निवासी व्यक्ति की 2015 में मौत हुई थी, जबकि दूसरे की जान शनिवार को गई।

बाहर से बुलाए जा रहे पायलट

नियमों के अनुसार अगर किसी पायलट को अपना जिला छोड़कर दूसरी जगह पैराग्लाइडिग करनी हो तो उसे अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेकर वहां पर जमा करवानी होती है। इसके अलावा संबंधित पैराग्लाइडिग एसोसिएशन को जानकारी देते हुए पंजीकरण करवाना पड़ता है। इसके विपरीत बाहर से बिना एनओसी पायलट बुलाए जा रहे हैं। एक पंजीकृत व्यक्ति के पास चार-पांच पैराग्लाइडर हैं और वह गुपचुप तरीके से पायलट बुला लेते हैं। जिला कांगड़ा में करीब 250 पायलट पंजीकृत हैं। इंद्रुनाग साइट पर 35 पंजीकृत पायलट काम कर रहे हैं।

पर्यटन विभाग भी नहीं लेता सुध

इंद्रुनाग साइट पर पायलटों व पैराग्लाइडिग करने आने वाले पर्यटकों को सुविधाएं देने के लिए पर्यटन विभाग भी ध्यान नहीं देता है। पायलटों को न मौसम की जानकारी उपलब्ध करवाने का प्रावधान है और न ही टेक आफ व लैंडिग साइट में चिकित्सा के साथ रेस्क्यू टीम का प्रबंध होता है। पायलट रोजाना अपने रिस्क पर उड़ान भरते हैं। मौसम की जानकारी के अभाव में हादसे होने का डर बना रहता है। एक पर्यटक से लेते हैं 1500 रुपये

बीड़ बिलिग और इंद्रुनाग साइट पर टेंडम फ्लाइंग करने के लिए पर्यटक से न्यूनतम 1500 रुपये लिए जाते हैं। उड़ान के समय वीडियो बनाने के लिए 500 रुपये अतिरिक्त देने पड़ते हैं। इसमें कैमरा पायलटों की ओर से दिया जाता है। उड़ान भरते समय ये सावधानियां बरतें

-खराब मौसम में पैराग्लाइडिग न करें।

-पैराग्लाइडिग करने के लिए मानसिक रूप से तैयार रहें।

-पैराग्लाइडिग करने से पहले हेलमेट जरूर पहनें और हर्नेस व रिजर्व पैराशूट की अच्छी तरह से जांच करें।

-अच्छे प्रशिक्षित पायलट के साथ ही उड़ान भरें।

-तेज हवा में उड़ने की कोशिश न करें।

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पैराग्लाइडिग करने के लिए जब महिलाएं आती हैं तभी उड़ान के समय अन्य व्यक्ति की सहायता की जरूरत पड़ती है। हालांकि ऐसे सहायकों को कोई अधिकारिक प्रशिक्षण या पंजीकरण नहीं होता है। कुछ शिकायतें बाहर से पायलट बुलाने की आ रही हैं। इस ओर एसोसिएशन ध्यान देगी। पर्यटन विभाग को भी इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाने चाहिए।

-विजय इंद्रकर्ण, अध्यक्ष, एडवेंचर स्पोटर्स क्लब धर्मशाला।

पैराग्लाइडिग साइट पर नियमों का पालन करने के आदेश दिए गए हैं। समय-समय पर मौके पर जाकर जांच भी की जाती है। इसके अलावा दूसरे क्षेत्रों से आने वाले पायलटों और उनकी सहायता करने वाले लोगों के बारे में जांच की जाएगी। यदि कोई बिना प्रशिक्षण के उड़ान भरता है या पायलट की सहायता करता है तो यह नियमों के खिलाफ है।

-पृथ्वी पाल सिंह, जिला पर्यटन अधिकारी, कांगड़ा।

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बीड़-बिलिग में अब तक हुए हादसे

2004 : चंडीगढ़ के पर्यटक की टेंडम फ्लाइंग के दौरान गिरने से मौत।

2009 : रूस के डेनिस व फायल ने उड़ान भरी और आदि हिमानी चामुंडा की पहाड़ियों में फंसकर घायल हो गए।

2009 : रूस के फ्री फ्लायर उड़ान के बाद लापता। एक साल बाद उसका शव पहाड़ियों में भेड़पालकों को मिला।

2012 : अमेरिका के 75 वर्षीय पैराग्लाइडर पायलट रोन व्हाइट की उतराला की पहाड़ियों में मौत।

2015 : उज्बेकिस्तान के पायलट कोनस्टेनटिन की लैंडिग के दौरान गिरने से मौत।

2015 : इंग्लैंड की रूथ फ्री फ्लाइंग के दौरान गिरने से घायल हुई।

2016 : पद्धर की घोघरधार की पहाड़ी पर बिजली लाइन से टकराने के बाद रूस के पायलट युडिन निकोलेय की मौत।

2018 : ब्रिटिश पायलट मैथ्यू का 12 घंटे बाद पालमपुर की धौलाधार रेंज में 3650 मीटर की ऊंचाई से रेस्क्यू।

2018 : आस्ट्रेलिया के 50 वर्षीय पायलट संजय कुमार रामदास की जोगेंद्रनगर के डुगली गांव के समीप क्रैश लैंडिग से मौत।

2020 : फरवरी में टेंडम फ्लाइंग का प्रशिक्षण लेते समय छोटा भंगाल के 24 साल के युवक की मौत।

2020 : फ्रांस के एक पायलट की प्रशिक्षण के दौरान मौत।

2021 : जनवरी में नई दिल्ली से संबंधित एक पायलट रोहित भदोरिया लापता। तीन माह बाद शव मिला।

2021 : 20 सितंबर को दो टैंडम ग्लाइडर हादसे का शिकार होने से बचे।

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