सुनामी से जीता, पहाड़ से हारा

ह‍िमाचल प्रदेश के बीड़ ब‍िल‍िंग में पैराग्‍लाइड‍िंग के दौरान स‍िंगापुर के जिस पायलट की मौत हुई है। उसके अदम्‍स साहस के बारे में जानकार आप भी चौंक जाएंगे।

By Munish DixitEdited By: Publish:Wed, 24 Oct 2018 02:46 PM (IST) Updated:Thu, 25 Oct 2018 12:24 PM (IST)
सुनामी से जीता, पहाड़ से हारा
सुनामी से जीता, पहाड़ से हारा

मुनीष दीक्षित, धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश के बीड़ बिलिंग में पैराग्लाइडिंग हादसे के दौरान बेशक सिंगापुर का पायलट हवा के खेल में अपनी जिदंगी की जंग हार गया हो। लेकिन उसकी मौत के बाद सामने आए उसके अदम्य साहस की तस्वीर ने सभी को इस जांबाज को सलाम करने पर मजबूर कर दिया है।

सिंगापुर में कई साल तक एक कमांडो के रूप में अपनी सेवाएं देने वाले 53 साल के एनजी कोक चूंग एक अच्छे पैराग्लाइडर पायलट भी थे। उन्होंने कई प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया। भारत के बीड़ बिलिंग में 27 अक्टूबर से होने वाली पैराग्लाइडिंग प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए कोक चूंग विशेष रूप से हिमाचल पहुंचे थे। लेकिन यहां क्रैश लैडिंग के दौरान उनकी मौत हो गई। इस जांबाज पायलट की इस तरह अचानक हुई मौत से पैराग्लाइडिंग पायलटों व इस खेल को पसंद करने वालों में शोक की लहर दौड़ गई है।

इंडोनेशिया में बना था हीरो, भूकंप में बचाई थी जान
सितंबर 2018 यानी एक माह पहले यह पायलट सिंगापुर में एक हीरो के रूप में सामने आया था। एनजी कोक चूंग इंडोनेशिया के पालू में हो रही पैराग्लाइडिंग प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए गए थे। इस दौरान वह अपने दोस्तों के साथ पालू में एक होटल में ठहरे थे।  28 सितंबर को अचानक इंडोनेशिया में 7.5 मैग्नीच्यूड का भूकंप आ गया। इससे होटल सहित कई भवन धराशायी हो गए। उस समय कोक होटल से महज 50 मीटर की दूरी पर ही थे। होटल के मलबे में एक छोटी बच्ची व उसकी मां फंसे हुए थे।

उन्हें निकाल पाना बेहद मुश्किल था। होटल से ठीक सामने समुद्र में भूकंप के बाद सुनामी भी आ रही थी। समय कम था, लेकिन कोक वहीं डटे रहे और उन्होंने काफी मुश्किल के बाद यहां फंसी बच्ची को सुरक्षित बचा लिया और सुनामी के विपरीत दिशा में भागकर इसे बच्ची को बचाया। हालांकि इस दौरान बच्ची की मां नहीं बच सकी। लेकिन इसके बाद वहां मीडिया में कोक चूंग की इस बहादुरी की काफी प्रशंसा हुई थी। उसने अपनी जान की परवाह क‍िए ब‍िना बच्‍ची को बचा ल‍िया था।

बैजनाथ के इस युवा ने दिया साथ
सिंगापुर के पायलट के शव को दुर्गम पहाडिय़ों से निकालने के बाद बैजनाथ अस्पताल में रखा गया। लेकिन इस शव को हिमाचल के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल टांडा में पोस्टमार्टम व शव को संरक्षित रखने के लिए भेजा जाना था। इसके लिए कोई एंबुलेंस या अन्य वाहन का इंतजाम नहीं हो पा रहा था। इसी बीच बैजनाथ के युवाओं की संस्था टीम टेन को इसकी जानकारी चली। उन्होंने शव को अपने खर्च पर टांडा भेजने के लिए संस्था के शव वाहन उपलब्ध करवाया। संस्था के संयोजक अंकित सूद ने बताया कि वाहन को चलाने के लिए स्थानीय दुकानदार शेखर सग्गी आगे आया। उसने हर बार की तरह निशुल्क वाहन को टांडा पहुंचाया। शेखर इससे पहले भी ऐसे कई बार योगदान दे चुका है।

एएफएस ने कहा बेहद साहसी थे कोक चूंग
कोक चूंग की मौत की सूचना मिलने के बाद एयर स्पोट्र्स फेडरेशन ऑफ सिंगापुर (एएफएस) ने अपने शोक संदेश में कहा कि ' कोक चूंग नि:स्वार्थ, बहादुर और हमेशा चुनौती का सामना करने वाले शख्स थे। उन्होंने कमांडो के रूप में अपने देश की सेवा की। उनकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।'

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