अगर आप रोमांच पसंद करते हैं, तो इस दर्रे की जरूर करें सैर
धर्मशाला के मुकुट पर मौजूद इंद्रहार की सैर सभी को रोमांचित करती है। यदि आप साहसिक पर्यटन के दीवाने हैं, तो आपके लिए यह स्थान उपयुक्त है।
धर्मशाला, वेब डेस्क। यदि आप रोमांच पसंद करते हैं और ट्रेकिंग का शौक रखते हैं, तो एक बार हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के इस दर्रें में एक बार जरूर जाकर आएं। धौलाधार पर्वत श्रृंखला में स्थित इंद्रहार दर्रा रोमांचक पर्यटकों के लिए एक बेहतरीन स्थान है। इंद्रहार पास धर्मशाला के नज़दीक समुद्र तल से 4,342 मीटर (14,245 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। इंद्रहार पास कांगड़ा और चंबा जिलों के बीच सीमा बनता हैं। यह धर्मशाला के एक बहुत ही लोकप्रिय ट्रेकिंग मार्ग का हिस्सा है।
इंद्रहार जाने के लिए मैक्लोडगंज से सफर शुरू होता है और फिर धर्मकोट-त्रियूंड-लाका-ल्हेस केव होते हुए
इंद्रहार टॉप तक पहुंचा जा सकता है। मैक्लोडगंज से धर्मकोट गलू तक आप छोटे वाहन के माध्यम से पहुंच सकते हैं और इसके आगे आपका पैदल सफर शुरू होता है। गलू से त्रियूंड तक आप करीब चार घंटे में पहुंच सकते हैं। यहां एक रात रूक कर आप अगले दिन आगे का सफर शुरू करें। त्रियुंड से कांगड़ा घाटी का विहंगम नजारा बेहद आकर्षक लगता है।
सुबह आप इंद्रहार पास ट्रेक के लिए अपनी यात्रा शुरू कर सकते है। इंद्रहर पास से केंद्रीय हिमालय की पीर पंजाल रेंज की राजसी चोटियों के अद्भुत दृश्य का आनंद ले सकते हैं। इंद्रहर पास पार करने के बाद ट्रेकिंग मार्ग चट्टा पारोआ तक एक खड़ी उतराई है, और फिर चंबा के कुआरसी के खूबसूरत गांव तक पहुंचने के लिए आगे बढ़ सकते हैं। इस बीच आप त्रियुंड से आगे एक पत्थर के नीचे बनी ल्हेस केव में रहने का भी आनंद उठा सकते हैं। इंद्रहार पास में लगभग सारा साल बर्फ के दीदार होते हैं। यहां तक जाने का उपयुक्त समय मई से अक्टूबर तक माना जाता है। इंद्रहार की सैर के लिए इस बात को जरूर निशिचत करें कि आपके साथ एक रजिस्टर गाइड जरूर हो, उसके निर्देश के अनुसार ही आप इंद्रहार की सैर पूरी तैयारी के साथ करें। अकेले व अपने स्तर पर यहां की यात्रा जान पर भारी पड़ सकती है।