कर्मचारी व उपभोक्ता विरोधी है बिजली संशोधन बिल : खरवाड़ा
हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन ने देहरा में बिजली संशोधन कानून को लेकर मांग उठाई है।
जेएनएन, देहरा। राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन ने बिजली संशोधन कानून 2018 को बोर्ड, कर्मचारी, सेवानिवृत्त कर्मचारी व उपभोक्ता विरोधी बताया है। इस बिल पर चर्चा के लिए बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन का राज्यस्तरीय अधिवेशन शुक्रवार को देहरा में हुआ। इस दौरान बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप ¨सह खरवाड़ा ने बिजली कानून 2018 का विरोध किया।
उन्होंने कहा कि इस कानून को लाने के प्रयास में केंद्र की एनडीए सरकार अगले संसद के शीतकालीन सत्र में अध्यादेश लाने की पूरी तैयारी कर चुकी है। बिल के अनुसार बिजली के संसाधनों को बिजली बोर्ड कर्मी, सेवानिवृत्त कर्मी एवं उपभोक्ताओं के हितों को ताक पर रख कर दोहन की पूरी छूट निजीकरण पालिसी द्वारा करने की योजना है। अगर ऐसा होता है तो बिजली बोर्ड कर्मियों की नौकरी पर खतरे की तलवार लटक जाएगी। बोर्ड सेवानिवृत्त कर्मी पेंशन से महरूम हो जाएंगे।
प्रदेश के उपभोक्ताओं को कई गुना महंगी बिजली मिलने की संभावना बढ़ जाएगी। बिजली संशोधन कानून 2018, जिसे संसद के शीतकालीन अधिवेशन में लाया जाना प्रस्तावित है, पर केंद्र सरकार ने इस बारे में पहले राज्य सरकार से भी सुझाव मांगे हैं। कर्मचारी संघ पहले ही प्रदेश सरकार को एक ज्ञापन के माध्यम से इस बिल के दुष्प्रभावों से अवगत करवा चुका है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि केंद्र सरकार को इन दुष्प्रभावों से अवगत करवाएं व जनहित में प्रदेश में इस बिल को लागू होने से रोकें।
उन्होंने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कहीं प्रदेश सरकार बिजली संशोधन बिल को प्रदेश में लागू करने की स्वीकृति केंद्र को भेजती है तो आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने पर मजबूर होना पड़ेगा। अधिवेशन में बिजली बोर्ड व सेवानिवृत्त कर्मचारियों की समस्याओं पर भी चर्चा की गई।