स्मार्ट सिटी में कूड़ेदान भूमिगत, कूड़ा बाहर

मार्ट सिटी धर्मशाला में कूड़ेदान तो भूमिगत हैं लेकिन कूड़ा अब भी बाहर ही है। आलम यह है कि अत्याधुनिक तकनीक से नगर निगम धर्मशाला ने शहर के स्मार्ट सिटी चयनित होने के साथ आधुनिक कूड़ेदान स्थापित किए थे लेकिन करीब तीन साल बीतने के बाद ये कूड़ेदान शोपीस ही बनकर रह गए हैं क्योंकि लोगों द्वारा इनका इस्तेमाल ही नहीं हो पा रहा है। अधिकांश शहर के लोग खुले में कूड़ा फेंक रहे या फिर भूमिगम कूड़ेदान के बाहर ही रख चले जाते हैं। इस वजह से लावारिस पशु व आवारा कुत्ते इस कूड़े को खाने की त

By JagranEdited By: Publish:Tue, 08 Oct 2019 07:08 PM (IST) Updated:Fri, 11 Oct 2019 06:20 AM (IST)
स्मार्ट सिटी में कूड़ेदान भूमिगत, कूड़ा बाहर
स्मार्ट सिटी में कूड़ेदान भूमिगत, कूड़ा बाहर

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : स्मार्ट सिटी धर्मशाला में कूड़ेदान तो भूमिगत हैं, लेकिन कूड़ा अब भी बाहर ही है। अत्याधुनिक तकनीक से नगर निगम धर्मशाला ने शहर के स्मार्ट सिटी चयनित होने के साथ आधुनिक कूड़ेदान स्थापित किए थे, लेकिन करीब तीन साल बीतने के बाद भी कूड़ेदान शोपीस बनकर रह गए हैं क्योंकि लोगों द्वारा इनका इस्तेमाल ही नहीं हो पा रहा है। अधिकांश शहर के लोग खुले में कूड़ा फेंक रहे हैं या फिर भूमिगम कूड़ेदान के बाहर ही रखकर चले जाते हैं। इस वजह से बेसहारा पशु व कुत्ते गलियों में कूड़े को बिखेर रहे हैं। हालांकि स्वच्छ भारत मिशन के तहत सफाई अभियान तो चल रहे हैं, लेकिन इन अभियानों के सकारात्मक परिणाम कहीं भी नजर नहीं आ रहे हैं।

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नगर निगम ने भूमिगत कूड़ेदान तो स्थापित किए हैं लेकिन इनका इस्तेमाल सही ढंग से नहीं हो पाया है। इनमें लगाई गई सेंसर सुविधा भी बंद है। प्रशासन को इस दिशा में सख्त कदम उठाना चाहिए और स्वयं जिम्मेदारी निभाने के साथ लोगों को जागरूक करना चाहिए।

-प्यारे लाल।

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भूमिगत कूड़ेदानों की संख्या कम है वहीं ये काफी दूरी पर है। इस कारण लोगों को समस्या पेश आती है। नगर निगम आधुनिक कूड़ेदानों बारे लोगों को जानकारी दे, क्योंकि कई बाशिदों को तो ये भी मालूम नहीं है कि इनका इस्तेमाल कैसे किया जाना है।

-अनिल कुमार।

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पुराने शहर के लोग तो जागरूक हैं, लेकिन मर्ज क्षेत्र के लोगों को भूमिगत कूड़ेदानों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। नगर निगम बनने के बाद शहर का दायरा भी बढ़ा है और मौजूदा समय में शहर के 17 वार्ड हैं। ऐसे में सभी वार्डों के लोगों का जागरुक होना जरूरी है।

-प्रदीप कुमार।

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नगर निगम की ओर से भूमिगत कूड़ेदानों की समय पर मरम्मत न होने से कई कूड़ेदानों की संख्या खस्ताहाल हैं। वहीं कई कूड़ेदान टूट चुके हैं। जिस कारण कूड़ा भी बिखरा मिलता है।

-मोहम्मद तारीक।

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शहर में कूड़े की समस्याएं के समाधान के लिए डोर टू डोर सफाई कर्मचारी एकत्र कर रहे हैं। वहीं शहर के लोग भी इन कर्मचारियों को कूड़ा सौंप। इस के अलावा जो आधुनिक डस्टबीन टूटे या खस्ताहाल है उनकी मरम्मत करवाई जा रही है।

-देवेंद्र जग्गी, महापौर नगर निगम धर्मशाला।

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