सुगमता की सोच पर विरोध की ब्रेक
जागरण संवाददाता धर्मशाला हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयू) के स्कूल ऑफ साइंस के श
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयू) के स्कूल ऑफ साइंस के शोधार्थियों के लिए महत्वपूर्ण वनस्पति उद्यान की योजना पर जदरांगल व आसपास क्षेत्रों के ग्रामीणों के विरोध के कारण ब्रेक लग गई है। ग्रामीण अभी तक इस बात से जागरूक नहीं है कि वनस्पति उद्यान का क्या लाभ होगा, इसलिए वे तर्क दे हैं कि यहां उद्यान बनाने की कोई जरूरत नहीं है, सिर्फ सीयू परिसर का ही निर्माण होना चाहिए।
जदरांगल में सीयू के नाम 25 एकड़ भूमि हस्तांतरित हो चुकी है और शेष की हस्तांतरण प्रक्रिया की औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। सीयू प्रशासन की योजना के अनुसार जदरांगल में शाहपुर परिसर से स्कूल ऑफ लाइफ साइंस शिफ्ट किया जाएगा। इसमें वनस्पति विज्ञान भी शामिल होता है। वनस्पति विज्ञान के शोधार्थियों की सुगमता को देखते हुए सीयू प्रशासन ने यहां वनस्पति उद्यान बनाने का निर्णय लिया है। पहले ही दशक से अधिक समय तक सीयू स्थायी परिसर निर्माण लटका रहा। ऐसे में वनस्पति उद्यान का विरोध मामले को और लटका सकता है।
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जदरांगल में सिर्फ सीयू परिसर की स्थापना होनी चाहिए। इसके अलावा अन्य कुछ भी निर्माण नहीं होने दिया जाएगा। इसे सहन नहीं किया जाएगा।
-वनवारी लाल।
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सीयू परिसर निर्माण कार्य सालों से लटका है। जदरांगल में सीयू के नाम कुछ भूमि हुई है तो प्रशासन परिसर निर्माण को छोड़ नया प्रोजेक्ट क्यों ला रहा है।
-हिमांशु लाल।
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लोगों ने शिक्षा परिसर के नाम पर कोई विरोध नहीं किया है। अब सीयू प्रशासन परिसर बनाने की बजाए उद्यान बनाने जा रहा है। उद्यान बनाने का क्या औचित्य है।
-संसार मित्र दीक्षित।
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सीयू परिसर बनता है तो क्षेत्र को नई पहचान मिलेगी और देश-विदेश में जदरांगल की पहचान होगी। साथ ही युवाओं को प्रोत्साहन भी मिलेगा।
-संजीव गोस्वामी।
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जदरांगल में केंद्रीय विश्वविद्यालय का परिसर बनता है तो क्षेत्र के लोगों को रोजगार व स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे। उद्यान बनने से ऐसा कुछ नहीं होगा।
संजीव कुमार।
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लंबी सोच के तहत ही जदरांगल में वनस्पति उद्यान बनाने की योजना है। लोगों के विरोध को ध्यान में रखकर और उन्हें योजना के बारे में बताकर ही उद्यान का निर्माण किया जाएगा।
-डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री, कुलपति, सीयू हिमाचल प्रदेश