मंदिर में दिनभर चला भजन कीर्तन का दौर

संवाद सहयोगी बकलोह गोरखा समाज की महिलाओं की ओर से हरितालिका तीज धूमधाम से मनाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Sep 2021 06:15 PM (IST) Updated:Thu, 09 Sep 2021 06:15 PM (IST)
मंदिर में दिनभर चला भजन कीर्तन का दौर
मंदिर में दिनभर चला भजन कीर्तन का दौर

संवाद सहयोगी, बकलोह : गोरखा समाज की महिलाओं की ओर से हरितालिका तीज धूमधाम से मनाया गया। वीरवार सुबह से ही महिलाएं भगवान शिव के मंदिर में जुट गई थी। ऐसे में उन्होंने मंदिर में पहुंचने के बाद भगवान शिव को दूध, दही, शहद तथा गंगाजल के साथ स्नान करवा कर नए वस्त्र धारण करवाए। साथ ही उनकी पसंद की सभी आवश्यक सामग्री जौ, तिल, द्रुव, भांग, धतूरा, दूध, दही और फल उन्हें चढ़ाए।

शाम को फिर सभी महिलाएं मंदिर में एकत्रित हुईं तथा अपने साथ पूजा की सामग्री भी साथ लाई और महिलाओं ने मंदिर में भजन-कीर्तन किया। महिलाओं का कहना है कि यदि दीया बुझ जाता है तो इसे अशुभ माना जाता है। वहीं, पंडित राम प्रसाद की अगुवाई में सभी महिलाओं को एक जगह बैठा कर पूजन करवाने के बाद व्रत कथा सुनाई गई। साथ ही व्रत के महत्व के बारे में भी बताया।

पंडित रामप्रसाद ने बताया कि यह व्रत श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के ठीक 11वें दिन आता है। इस दिन महिलाएं सुबह स्नान करके सुहाग के वस्त्र धारण करके अगले दिन सुबह तक भजन कीर्तन करती हैं। उसके बाद आरती उतारी जाती है। सूरज की पहली किरण जैसे ही निकलती है, उसके साथ ही पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत को तोड़ा जाता है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों की भगवान शिव में गहन आस्था है। यही कारण है कि जब भी त्योहार आता है तो सभी महिलाएं व पुरुष एकत्रित होकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं। भगवान शिव को जो भी सच्ची श्रद्धा के साथ फल सहित अन्य आवश्यक सामग्री चढ़ाता है, उसे वह स्वीकार करते हैं। साथ ही उनकी मनोकामना भी पूरी करते हैं।

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