तिलक लगाकर भाई की दीर्घायु की कामना

भैयादूज पर बहनों ने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी दीर्घायु की कामना की।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Nov 2021 10:01 PM (IST) Updated:Sat, 06 Nov 2021 10:01 PM (IST)
तिलक लगाकर भाई की दीर्घायु की कामना
तिलक लगाकर भाई की दीर्घायु की कामना

जागरण टीम, चंबा/बकलोह : भैयादूज पर बहनों ने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी दीर्घायु की कामना की। भाइयों ने भी बहनों को उनकी पसंद के उपहार भेंट किए। भैयादूज के लिए बच्चों में काफी उत्साह देखा गया।

भैयादूज पर सरकार ने महिला कर्मचारियों को छुट्टी दी थी, लेकिन कइयों के भाई ड्यूटी पर थे। इस कारण कई बहनें शुभ मुहूर्त पर भाई के माथे पर तिलक नहीं लगा सकीं। अधिकतर महिलाएं नाराज थीं कि उनके भाई ड्यूटी पर थे और वे घर में थीं। महिलाओं ने कहा कि सरकार ने उनके लिए तो भैयादूज पर अवकाश घोषित कर दिया, लेकिन इसका क्या फायदा जब भाई ही घर में न मिलें। शुभ मुहूर्त पर तिलक लगाना तो दूर कई बहनों को छुट्टी न होने के कारण भाई घर में नहीं मिले।

चंबा के बाजार में शनिवार सुबह से शाम तक रौनक रही। मिठाई की दुकानों में भीड़ देखी गई। गिफ्ट कार्नर व रेडीमेड गारमेंट की दुकानों में भी खूब चहल पहल रही। दंत कथा के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध करने के बाद अपनी बहन सुभद्रा के घर का रुख किया था। सुभद्रा ने दीप जलाकर भाई का स्वागत किया और तिलक लगाकर उनकी दीर्घायु की कामना की थी। वर्तमान में भी यह प्रथा चल रही है।

उधर, बकलोह क्षेत्र में गोरखा समुदाय के लोगों ने भैयादूज का त्योहार धूमधाम से मनाया। बहनों ने भाइयों के माथे पर तिलक लगाया और भाइयों ने भी बहनों को तोहफे दिए। भैयादूज को लेकर बहनें भाइयों को करीब एक माह पहले ही घर पहुंचने का न्योता देती हैं। इस दिन बहनें भाइयों के लिए फैनी, बटुक, शैलरोटी व आलू की चटनी आदि व्यंजन तैयार करती हैं। भाई बहन के घर पहुंचते हैं तो उनका हाथ जोड़कर स्वागत किया जाता है। इससे पहले घर के मुखिया चौखट की पूजा करते हैं। इस दौरान तीन तरह की रंगोली लगाने के बाद भाइयों को बुरी नजर व शत्रुओं से बचाने के लिए चौखट के बीच अखरोट तोड़ा जाता है। आरती उतारने के बाद भाइयों के सिर में सरसो का तेल लगाया जाता है। इसके बाद उनकी सुख-समृद्वि और खुशहाली के लिए सफेद तिलक के बीच लाल, नीले व पीले रंग की रंगोली लगाई जाती है। सबके गले में गेंदे के फूलों का हार पहनाया जाता है। इस पर भाई बहनों को सोने का आभूषण, कपड़े व पैसे देते हैं। साथ ही गले मिलकर एक-दूसरे के प्रति प्यार का इजहार करते हैं। घर में प्रवेश करने के बाद भाइयों को उनका पसंदीदा भोजन परोसा जाता है। इस दौरान सभी एक-दूसरे के साथ खुशी मनाते हैं और बचपन की यादों को साझा करते हैं। दिनभर भाई-बहन साथ रहकर खूब बातें करते हैं। शाम को नाच-गाने के बाद भाई अपने घर लौट जाते हैं।

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