साहो में तय मानकों से कम पानी छोड़ रहे विद्युत प्रोजेक्ट

साहो घाटी के बीचों-बीच बहने वाला नाला अपना अस्तित्व खो रहा है। इस नाल

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 05:56 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 05:56 PM (IST)
साहो में तय मानकों से कम पानी छोड़ रहे विद्युत प्रोजेक्ट
साहो में तय मानकों से कम पानी छोड़ रहे विद्युत प्रोजेक्ट

संवाद सहयोगी, साहो : साहो घाटी के बीचों-बीच बहने वाला नाला अपना अस्तित्व खो रहा है। इस नाले पर कई जलविद्युत परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं, जो अच्छा-खासा मुनाफा कमा रही हैं। लेकिन नाले में तय मात्रा से कम पानी छोड़कर नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। नाले में पानी इतना कम है कि क्षेत्र के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नाले में दिन-प्रतिदिन कम होते जलस्तर से घराट मालिकों तथा मत्स्य पालन से जुड़े लोग परेशानी झेल रही हैं। वहीं आसपास के गावों के किसानों को मवेशियों के लिए चारे व पानी की समस्या सताने लगी है। लोगों का कहना है कि सरकार के तय नियमों के अनुसार परियोजनाओं को 15 फीसद पानी छोड़ने का प्रविधान है। लेकिन सरकार के इन नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि उनका जंगल, पानी व भूमि का जो हक है, उसे छीना जा रहा है।

इसके अलावा इन विकास परियोजनाओं में कुछेक लोगों को छोड़कर स्थानीय युवकों को रोजगार न मिलने से उनका परियोजना प्रबंधन के खिलाफ काफी रोष है। जब ये पावर प्रोजेक्ट स्थापित किए गए, तब से स्थानीय लोगों को रोजगार में प्राथमिकता देने, क्षेत्र में विकास के कार्य को तरजीह देने सहित अन्य हितों का कोई खास ध्यान नहीं रखा गया है। क्षेत्र के लोगों ने अपनी इस समस्या को लेकर उपायुक्त चंबा सहित मुख्यमंत्री से मांग की है कि उक्त पावर प्रोजेक्टों को सरकार के तय नियमों के अनुसार पानी छोड़ने, एलडीएफ की राशि समय पर जमा करने और प्रोजेक्ट प्रभावित गांव में मानकों के अनुसार विकास कार्य करने का निर्देश जारी किए जाएं, ताकि समस्याओं से निजात मिल सके। लोगों का कहना है कि नाले में नियमों के अनुसार पानी न छोड़ने जाने के कारण पानी में रहने वाले जीवों को भी नुकसान होने का खतरा बढ़ा हुआ है। इसलिए उक्त समस्या का जल्द से जल्द समाधान किया जाना बहुत जरूरी है। साहो नाले में पानी वाले समाचार के साथ बाक्स --------

जो विद्युत प्रोजेक्ट मनमानी कर रहे हैं और एलडीएफ की राशि नहीं दे रहे हैं, पंचायतें उनके नाम जिला प्रशासन को मुहैया करवाएं। यदि जांच में ऐसे प्रोजेक्ट दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। लोगों को पेश आने वाली समस्या का प्रमुखता से हल किया जाएगा।

डीसी राणा, उपायुक्त चंबा।

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