तारों के जंजाल व खंभों से मिलेगी मुक्ति

पर्यटन स्थलों को बिजली की तारों के जंजाल व खंभों से मुक्त किया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 09:31 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 09:31 PM (IST)
तारों के जंजाल व खंभों से मिलेगी मुक्ति
तारों के जंजाल व खंभों से मिलेगी मुक्ति

संवाद सहयोगी, डलहौजी : पर्यटन स्थलों को बिजली की तारों के जंजाल व खंभों से मुक्त कर भूमिगत विद्युत प्रणाली स्थापित करने की प्रदेश सरकार की पहल पर काम तेज हो गया है। पर्यटन नगरी डलहौजी व इसके साथ लगते कैंट क्षेत्र को भी भूमिगत विद्युत प्रणाली की सौगात मिल सकती है। इससे इन क्षेत्रों को बिजली की तारों के जंजाल व खंभों से मुक्ति मिलेगी।

डलहौजी व कैंट क्षेत्र में भूमिगत विद्युत प्रणाली स्थापित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के निर्देश पर विद्युत परिषद डलहौजी द्वारा विस्तृत खाका तैयार किया गया है। विद्युत परिषद द्वारा करीब 23 करोड़ 88 लाख रुपये की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर सरकार को स्वीकृति के लिए भेजी गई है। यदि सरकार विद्युत परिषद की डीपीआर पर मुहर लगाती है तो पर्यटन नगरी डलहौजी सहित डलहौजी कैंट क्षेत्र में तारों के जंजाल व खंभे नहीं दिखेंगे। वहीं, सर्दियों के दिनों में पर्यटन नगरी में भारी हिमपात होने की सूरत में भी लोगों को बार-बार बिजली गुल होने व कई दिनों तक विद्युत व्यवस्था ठप होने की समस्या से भी निजात मिल जाएगी। प्रदेशभर में विद्युत व्यवस्था बिजली के खंभों के ऊपर लगाई गई बिजली की हाई वोल्टेज तारों के सहारे निर्भर है। बरसात के दिनों में तेज हवा व सर्दियों के दिनों में भारी हिमपात होने पर पेड़ों की टहनियां गिरने से हर वर्ष डलहौजी के निवासियों को बिजली गुल होने की समस्या झेलनी पड़ती है। खंभों पर टिकी बिजली की तारों को बरसात व सर्द मौसम में दुरुस्त करना विद्युत परिषद के लिए भी काफी मुश्किल हो जाता है। लोगों को कई बार रात अंधेरे में गुजारनी पड़ती है।

पर्यटन नगरी डलहौजी में नगर परिषद के नौ वार्ड हैं। सभी वार्डों सहित बस स्टैंड, सुभाष चौक, गांधी चौक व डलहौजी कैंट क्षेत्र में इस योजना के तहत एचटी व एलटी लाइनों को भूमिगत किया जाएगा।

--------- मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के निर्देश पर डलहौजी शहर में भूमिगत विद्युत प्रणाली स्थापित करने के लिए डीपीआर बनाई गई है। सरकार से स्वीकृति मिलने पर डलहौजी शहर व डलहौजी कैंट क्षेत्र में भूमिगत विद्युत प्रणाली स्थापित हो सकेगी।

परवेश ठाकुर, सहायक अभियंता, विद्युत परिषद डलहौजी।

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