पांगी में 4जी के लिए करना पड़ेगा इंतजार
संवाद सहयोगी पांगी उपमंडल पांगी में दूरसंचार व्यवस्था दिन प्रतिदिन चरमराती जा रही है। भले
संवाद सहयोगी, पांगी : उपमंडल पांगी में दूरसंचार व्यवस्था दिन प्रतिदिन चरमराती जा रही है। भले ही मुख्यमंत्री ने अपने पांगी दौरे के दौरान इसमें सुधार करने की बात कही हो, लेकिन आलम यह है कि यह व्यवस्था सुधरने बजाए बिगड़ रही हैं। भारत दूरसंचार निगम की हालत तो दिन-प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है। जियो का हाल भी करीब एक माह से कुछ ठीक नहीं है। लोग यह उम्मीद लगाए बैठे थे कि जियो की 4जी सुविधा अक्टूबर तक चालू हो जाएगी, लेकिन अभी यह संभव नहीं हो पाया है।
साच पास में केबल डालनी अभी बाकी है। सितंबर माह में हल्की बर्फबारी से ठंड बढ़ जाने के कारण काम करना मुश्किल हो गया है। जियो ने पांगी में अपने कुछ टावर चालू करके दूरदराज के क्षेत्रों में सुविधा देनी शुरू तो की है, लेकिन मुख्यालय में दूरसंचार व्यवस्था चरमरा रही है। भारत दूरसंचार निगम ने किलाड़, चलौली, मिधल, हिलोर, रेई और पुरथी में अपने टावर तो खड़े कर दिए हैं, जिनका कोई खास फायदा नहीं है। जियो कंपनी ने किरयूनी, घिसल, चसक में अपने टावरों को चालू कर दिया है, लेकिन लोग केबल से नेटवर्क को जोड़ने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। वह अभी पूरी होती नजर नहीं आ रही हैं। स्थानीय लोगों ईश्वर दत्त, शक्ति प्रसाद, विद्या प्रसाद, जितेंद्र सिंह, सुषमा कुमारी, रंजीता कुमारी, सुरेश कुमार, गोकल कुमार, माधो प्रसाद, खिमी राम, संतोषी देवी, जेवी देवी, सुनीता तथा अंजना कुमारी का कहना है कि मुख्यमंत्री के आश्वासनों के बावजूद कंपनियां गौर नहीं करती हैं तो आम आदमी की कौन सुनेगा। पांगी जैसे दुर्गम क्षेत्रों में दूरसंचार व्यवस्था ही एक मात्र साधन है, जिससे लोग अपनों की खबर ले सकते हैं। नेटवर्क की दिक्कत के कारण छात्रों की आनलाइन पढ़ाई, फार्म भरने समेत तमाम कार्य रुक जाते हैं। लोगों ने मांग करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, दूरसंचार मंत्री रामलाल मार्कंडेय तथा स्थानीय विधायक जियालाल कपूर पांगी में दूरसंचार व्यवस्था को दुरुस्त करने के कंपनियों को आदेश दें, ताकि राहत मिल सके। जियो ने पांगी के लिए केबल बिछाने का कार्य करीब 80 फीसद तक पूरा कर लिया है। यहां कार्य करना मौसम पर निर्भर करता है। यदि मौसम ठीक रहा तो केबल डालने का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। पांगी में जियो ने 11 टावर खड़े किए हैं। उनमें से चार चालू कर दिए हैं।
अतुल मने, अधिकारी जियो।