भरमौर में हिमपात से सेब की फसल को नुकसान
बेहतरीन गुणवत्ता वाले रसीले सेब के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध भरमौर उपमंडल में इस वर्ष फिर सेब की फसल बेमौसम हो रहे हिमपात की भेंट चढ़ती दिख रही है।
संवाद सहयोगी, भरमौर : बेहतरीन गुणवत्ता वाले रसीले सेब के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध भरमौर उपमंडल में इस वर्ष फिर सेब की फसल बेमौसम हो रहे हिमपात की भेंट चढ़ती दिख रही है। भरमौर क्षेत्र में मंगलवार रात से भारी बारिश व हिमपात का दौर शुरू हुआ, जोकि बुधवार तक जारी रहा।
उपमंडल के ऊपरी भाग जहां सेब की फसल अधिक होती है, वहां हिमपात होने से इस नकदी फसल को नुकसान होने की संभावना है। ग्राम पंचायत सचूई के उपप्रधान मानक चंद राणा सहित बागवान अशोक कुमार, सुमित कुमार तथा प्रवीण कुमार ने कहा कि सेब पर भरपूर फूल आए हैं लेकिन हिमपात होने के कारण अब सारी फसल तबाह हो जाएगी।
बागवानों ने कहा कि यह लगातार तीसरा वर्ष है, जब मौसम के कड़े रुख के कारण सेब पैदावार प्रभावित होगी। गत वर्ष भी सेब के फूलों पर हिमपात हुआ था, जिसके बाद पैदावार बहुत कम हुई थी। इस वर्ष भी पैदावार कम होने के हालात बन गए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार सेब पर फूल आने के दौरान तापमान 18 से 22 डिग्री सेल्सियस तक होना चाहिए ताकि कीटों व हल्की हवा के कारण परागण प्रक्रिया पूरी हो सके। इस दौरान धूप का खिला रहना आवश्यक है लेकिन इस बार ऐसा होता प्रतीत नहीं हो रहा है। अप्रैल का माह सबसे अच्छा रहता है। इस दौरान न तो अधिक गर्मी पड़ती है और न ही सर्दी होती है। ऐसे में फसलों को काफी अधिक लाभ मिलता है लेकिन अचानक भारी बारिश के साथ ही हिमपात होने के चलते सेब की फसल के बर्बाद होने की चिता सता रही है। यदि आगामी दिनों में भी मौसम अपने तेवर कड़े रखता है तो नुकसान इससे भी अधिक हो सकता है।