भाई की कलाई पर बांधी रक्षा की डोर

जिला चंबा में सोमवार को रक्षाबंधन का पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 08:47 PM (IST) Updated:Tue, 04 Aug 2020 06:16 AM (IST)
भाई की कलाई पर बांधी रक्षा की डोर
भाई की कलाई पर बांधी रक्षा की डोर

संवाद सहयोगी, चंबा/बकलोह : जिला चंबा में सोमवार को रक्षाबंधन का पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया। कई स्थानों पर जहां बहनें भाई के घर पहुंचीं तो कई भाई राखी बंधवाने के लिए खुद बहनों के घर पहुंच गए। शुभ मुहूर्त में बहनों ने भाई की कलाई पर राखी बांधी तथा उनकी लंबी उम्र की कामना की। इस दौरान भाइयों ने बहनों को आकर्षक उपहार दिए।

भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिए बहनों ने सुबह से ही तैयारी शुरू कर दी थी। पूजा-अर्चना करने के बाद बहनों ने भाई की कलाई पर राखी बांधी। बच्चों में भी विशेष उत्साह देखने को मिला। इस वर्ष राखी बांधने का मुहूर्त सुबह नौ बजे से था। जिला मुख्यालय के साथ ग्राम पंचायत मंगला, साच, उदयपुर, भनौता, चनेड, सरोल, राजपुरा, कियाणी, रजेरा आदि पंचायत क्षेत्र में राखी के पर्व की खूब धूम रही। राखी विक्रेताओं व मिठाई विक्रेताओं का भी खूब कारोबार हुआ। महिलाओं ने हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम की बसों में निशुल्क यात्रा का भी लाभ उठाया। हालांकि कोरोना संक्रमण के दौरान कम ही बसों को चलाया गया।

दूसरी ओर गोरखा समुदाय के लोगों ने भी राखी का पर्व धूमधाम के साथ मनाया। रक्षाबंधन पर सबसे पहले घर के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति ने सुबह उठकर कुल देवता की पूजा की। इसके उपरांत राखी और घर में बनाए गए मिस्ठान जैसे सैल रोटी, बटुक, गुजिया और मीठा खजूर का भोग भगवान को लगाया। इसके बाद सभी देवी-देवताओं को भी घर में बनाए गए मिस्ठानों का भोग लगाया गया।

गोरखा समुदाय में बहनें अपने भाइयों को एक दिन पहले ही घर आने का न्यौता देती हैं। भाई के आने के बाद उनको घर में बैठाकर उनकी आरती उतारती हैं। तत्पश्चात माथे पर तिलक लगाकर उनकी रक्षा और लंबी उम्र की कामना करते हुए उनकी दाहिनी कलाई पर राखी बांधती हैं। साथ ही उनको घरों में बनाए गए मिस्ठान खिलाए जाते हैं। राखी पहनने के उपरांत भाई बहनों को उपहार देते हैं।

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