सरोल व राजपुरा में बेसहारा पशु बने परेशानी

-राहगीरों पर कर रहे हमला दिन व दिन बढ़ रही मवेशियों की संख्या संवाद सूत्र सरोल जिला मुख्यालय

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 06:01 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 06:01 PM (IST)
सरोल व राजपुरा में बेसहारा पशु बने परेशानी
सरोल व राजपुरा में बेसहारा पशु बने परेशानी

-राहगीरों पर कर रहे हमला, दिन व दिन बढ़ रही मवेशियों की संख्या संवाद सूत्र, सरोल : जिला मुख्यालय के दूसरी तरफ सरोल, भद्रम व राजपुरा की तरफ जाना हो तो जरा संभल कर चलें। यहां आप पर बेसहारा पशु अचानक हमला बोल कर आपको घायल कर सकते हैं। आलम यह है कि उक्त क्षेत्र में बेसहारा पशुओं की संख्या इतनी बढ़ गई है कि लोगों का रास्तों से होकर गुजरना तक मुश्किल हो गया है। हालांकि लोगों को प्रशासन ने पशुओं को बेसहारा छोड़ने पर कड़ी चेतावनी जारी कर रखी है, लेकिन फिर भी शहर में बेसहारा पशु सरेआम घूम रहे है।

पंचायत व प्रशासन ने एलान किया था कि जो भी अपने पालतू पशुओं को शहर में छोड़ेगा, उनके खिलाफ जहां कड़ी कार्रवाई होगी, वहीं उन पर जुर्माना भी लगाया जाएगा, लेकिन यह एलान सिर्फ कागजों तक ही सिमट कर रह गया है और धरातल पर कुछ भी नहीं हुआ है। बेसहारा पशुओं की संख्या इतनी अधिक है कि वह चंबा- तीसा मार्ग पर बेसहारा पशुओं ने अपना डेरा जमा रखा है, वहीं यह पशु हर समय बड़ी दुर्घटना का भी कारण बन सकते हैं। पशु भारी संख्या में सरोल, घोलटी, भेड़पालन केंद्र के पास डेरा डाल जमा लेते हैं और सुबह व शाम के समय जब लोग अपने कार्यो के लिए निकलते हैं, तो इनसे दो चार होते हैं। पशुओं के हमलों में कई बार लोगों को चोटें तक आई हैं। यही नहीं आसपास घूम रहे यह पशु लड़ाई के दौरान तोड़फोड़ भी कर देते हैं, जबकि कई बार लोगों के घरों के भीतर भी घुस जाते हैं। बेसहारा पशुओं के हमले के समाचार आए दिन कहीं न कहीं से सुनने को मिल ही जाते हैं, लेकिन बेसहारा पशुओं को लेकर कोई स्थाई हल नहीं निकाला गया है, जिससे रोजाना लोगों को इनसे दो चार होना पड़ता है। इसे लेकर शहर के लोगों ने कई बार परिषद व उपमंडल प्रशासन से निजात दिलाने की गुहार लगाई और ऐसी शिकायतें आने के बाद इन पशुओं से निपटने के लिए कड़ी नीति तैयार तो की, लेकिन उसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका।

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